पंचतत्व में विलीन हुआ शहीद संतोष का पार्थिव शरीर, नम आंखों से दी अंतिम विदाई Gumla News
पाक सीमा पर शहीद हुए जवान संतोष गोप का पार्थिव शरीर सुबह लगभग 930 बजे उनके पैतृक गांव टेंगरा पहुंचा। शहीद के पिता जीतू गोप ने देश के लिए कुर्बान होने वाले बेटे को मुखाग्नि दी।
गुमला, जेएनएन। बसिया प्रखंड के दक्षिण कोयल नदी के टेंगरा तट पर मंगलवार को शहीद संतोष गोप पंचतत्व में विलीन हो गए। मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर के रामपुरा के रूस्तम पोस्ट पर 12 अक्टूबर की रात पाकिस्तान की ओर से हुई गोलीबारी में संतोष शहीद हो गए थे। संतोष का पार्थिव शरीर सोमवार की रात ही रांची पहुंच गया था। मंगलवार की सुबह नौ बजे सेना के वाहन से पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर को पहले पैतृक आवास लाया गया जहां पारंपरिक रस्म पूरा करने के बाद सेना के सुसज्जित वाहन में अंतिम यात्रा शुरू हुई।
शान से निकली शहीद की अंतिम यात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। लगभग दो किलोमीटर की शवयात्रा में हजारों स्कूली बच्चे, शिक्षक, समाजसेवी, जन प्रतिनिधि, राजनेता और आला अधिकारी शामिल थे। अंतिम यात्रा में झारखंड विधान सभा अध्यक्ष डॉ.दिनेश उरांव, लोहरदगा से भाजपा सांसद सुदर्शन भगत, उपायुक्त शशिरंजन, आरक्षी अधीक्षक अंजनी कुमार झा, जिला परिषद अध्यक्ष किरण माला बाड़ा, जिप सदस्य चैतु उरांव, मुखिया चुमानी उरांव आदि भी चल रहे थे।
सेना के जवान और अधिकारी वाहन के पीछे चल रहे थे। पूर्ण सैनिक सम्मान के बीच किया गया अंतिम संस्कार नदी तट से पहले फूलों से सजे सेना के वाहन से जवानों ने ताबूत को कंधा दिया। सैनिकों ने अपने कंधे पर उस ताबूत के कोयल नदी के तट पर पहुंचाया जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाना था। नदी के तट पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
मातमी धुन बजाते हुए सेना की टुकड़ी आगे-आगे चल कर वहां पहुंची। सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल अनिल कुमार ने बताया कि शहीद संतोष को पूर्ण सैनिक सम्मान देने के लिए उनके नेतृत्व में एक जेसीओ और 33 जवान आए हैं। सैनिक नीति रीति से सेना के जवान की अंतिम यात्रा निकाली गई है। शहीद संतोष के वृद्ध पिता जीतू गोप अपने पुत्र की चिता को मुखाग्नि दे रहे थे तब सेना के जवानों ने हवा में पांच चक्र गोलियां चलाकर शहीद को सलामी दी।
सीमा पर शहीद हुए जवान संतोष गोप का पार्थिव शरीर सुबह लगभग 9:30 बजे उनके पैतृक गांव टेंगरा पहुंचा। इसके बाद पूरे सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। पिता जीतू गोप ने शहीद को मुखाग्नि दी। तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को देख जहां सबकी आंखें नम हो गईं वहीं पूरा एयरपोर्ट परिसर शहीद संतोष गोप अमर रहें... और पाकिस्तान मुर्दाबाद... के नारों से गूंज उठा।
इससे पूर्व पाकिस्तान सीमा पर गोलीबारी में शहीद हुए गुमला के जवान संतोष गोप का पार्थिव शरीर सोमवार शाम रांची पहुंचा था जहां, राज्यपाल समेत सेना के अधिकारियों व जवानों ने सेना की परंपरा के अनुसार उन्हें सलामी दी। शाम लगभग 5:51 बजे राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पहुंचीं और शहीद को श्रद्धांजलि दी। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि संतोष गोप देश के लिए शहीद हुए हैं। वे झारखंड के लाल थे।
बारामूला में वे सिग्नल मैन के रूप में थे कार्यरत
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष डॉ. दीनेश उरांव, सांसद सुदर्शन भगत, गुमला के डीसी, एसपी एवं सेना के बड़े अधिकारियों ने श्रद्धांजलि। फिर सेना के अधिकारियों व जवानों ने उन्हें सेना की परंपरा के अनुसार सलामी दी।संतोष कश्मीर स्थित बारामूला में वे सिग्नल मैन के रूप में कार्यरत थे। उनकी पोस्टिंग 2012 में हुई थीं। कश्मीर की घाटी में पाकिस्तानी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में वे घायल हुए और शहीद हो गए।