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काम के लिए नहीं करूंगी पलायन, पढ़ने में लगाउंगी ध्यान

घाघरा प्रख्ड का हलमाटी गांव कई ग्रामीण समस्याओं से जूझ रहा है। समस्याओं की मारी दो गांवों की बच्चियों अर्थाभाव महसूस कर काम करने के लिए हैदराबाद चली गई थी। उन बच्वि्चयों को हैदराबाद की पुलिस ने बाल श्रमिक करार देकर मुक्त कराया था। मुक्त कराई गई दोनों बच्चियां 11 जुलाई को गुमला लाई गई थी उन बच्चियों का काउंसलिग किया गया। काउंसलिग के दौरान उन बच्चियों ने माता पिता के साथ रहने और पढ़ने की इच्छा व्यक्त की थी। जिला बाल संरक्षण समिति द्वारा बच्चियों

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Aug 2019 07:25 PM (IST)Updated: Sun, 04 Aug 2019 06:40 AM (IST)
काम के लिए नहीं करूंगी पलायन, पढ़ने में लगाउंगी ध्यान
काम के लिए नहीं करूंगी पलायन, पढ़ने में लगाउंगी ध्यान

जागरण संवाददाता, गुमला: घाघरा प्रखंड का हलमाटी गांव कई समस्याओं से जूझ रहा है। समस्याओं की मारी गांवों की दो बच्चियां काम करने के लिए हैदराबाद चली गई थी। उन बच्चियों को हैदराबाद की पुलिस ने बाल श्रमिक करार देकर मुक्त कराया था। मुक्त कराई गई दोनों बच्चियां 11 जुलाई को गुमला लाई गई। उन बच्चियों का काउंसलिग किया गया। काउंसलिग के दौरान उन बच्चियों ने माता-पिता के साथ रहने और पढ़ने की इच्छा व्यक्त की थी। जिला बाल संरक्षण समिति द्वारा बच्चियों को उनके अभिभावकों के हवाले कर दिया गया। उनमें एक ऐसी बच्ची है जिसका लालन पालन उसके चाचा-चाची करते हैं। उस बच्ची की अपनी मजबूरियां भी थी। वह दुबारा हैदराबाद काम करने के लिए गई थी। दूसरी बच्ची भी चार माह पहले हैदराबाद ही काम करने गई थी। उस बच्ची को भी पुलिस ने मुक्त कराया था। दोनों बच्चियां रिश्ते में चचेरी बहन हैं। शनिवार को दोनों बच्चियां जिला बाल संरक्षण समिति कार्यालय आई थी। दोनों ने पढ़ने की इच्छा व्यक्त की। उनमें से एक बच्ची का चयन कस्तूरबा आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए किया गया है। उस बच्ची का नामांकन कराने के लिए समिति जिला शिक्षा विभाग को अनुशंसा करेगी।

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क्या कहते हैं अध्यक्ष

दोनों बच्चियों को हैदराबाद से बरामद किया गया है। एक बच्ची पांचवीं कक्षा पास है जबकि दूसरी बच्ची नौंवी में पढ़ रही थी। दूसरी बच्ची को नौंवी कक्षा में नामांकन कराने के लिए जिला बाल संरक्षण समिति ने उसके नाम की अनुशंसा जिला शिक्षा विभाग से करने का निर्णय लिया है। समिति का काम बाल संरक्षण करना, उनके पुनर्वास की व्यवस्था करना और पढ़ने के इच्छुक व्यक्ति केा कस्तूरबा बालिका आवासीय विद्यालय में सुविधा दिलाना है।

शंभू सिंह, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति गुमला


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