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80 हजार एकड़ में चलेगा 'पेड़ रोपो जल रोको' अभियान

जागरण संवाददाता गुमला गुमला जिला पहाड़ी और जंगली इलाका है। यहां धरती की बनावट ढालूनु

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 May 2020 09:41 PM (IST)Updated: Sun, 24 May 2020 09:41 PM (IST)
80 हजार एकड़ में चलेगा 'पेड़ रोपो जल रोको' अभियान
80 हजार एकड़ में चलेगा 'पेड़ रोपो जल रोको' अभियान

जागरण संवाददाता, गुमला : गुमला जिला पहाड़ी और जंगली इलाका है। यहां धरती की बनावट ढालूनुमा है। ढालूनुमा प्राकृतिक बनावट के कारण वर्षा जल बहकर बर्बाद हो जाता है। इस कारण गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जाती है। जमीन के भीतर जलस्तर नीचे चला जाता है। न लोगों की प्यास बुझती है और न खेतों में हरियाली लाने के लिए पानी उपलब्ध रहता है। जलस्तर उपर करने के लिए बहते हुए पानी को रोकना अनिवार्य है। यही राज्य और केंद्र सरकार की सोच भी है। केंद्र और राज्य की सोचों को ध्यान में रखकर एक ऐसी योजना का निर्माण किया गया है। जिसके बहुआयामी लाभ मिल सके। वर्तमान में कोरोना संक्रमण को लेकर आनेवाले मजदूरों को उनके गांवों में ही रोजगार दिलाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता है। राज्य सरकार भी आए प्रवासी मजदूरों की बेरोजगारी दूर करने के लिए वचनबद्ध है। इसी बात को ध्यान में रखकर 'पेड़ रोपो, जल रोको' अभियान का निर्णय लिया गया है।

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हर पंचायत में पांच सौ एकड़ जमीन का हुआ चयन

वृहत पैमाने पर चलने वाले इस अभियान के लिए हर पंचायत में पांच-पांच सौ एकड़ जमीन का चयन किया गया है। चयनित भूखंड पर इस योजना को उतारा जाएगा। टाड़ भूमि को प्राथमिकता दी गई है। टाड़ भूमि में फलदार पौधारोपण कराए जाएंगे। इसके दो लाभ होंगे। पहला लाभ होगा भविष्य में फल बेचकर आर्थिक स्वावलंबन हासिल करने का और दूसरा लाभ होगा पर्यावरण संरक्षण का। फलों के उत्पादन के मामले में गुमला जिला को न सिर्फ राज्य का अग्रणी जिला बनाना है बल्कि पूरे राज्य और देश की मंडियों में गुमला के आम की सुगंध और मिठास फैलाना है। आम आधारित प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना भी करना है। अचार, आमचूर, आमरस से अमावट, एवं आम रस का पेय पदार्थ तैयार कराना, पैकेजिग कराना और मार्केटिग कराना है। ऐसा कराकर स्थानीय रोजगार का सृजन भी करना है। 'पेड़ रोपो, जल रोको' अभियान के वर्तमान में भविष्य की सुख समृद्धि छिपी है।

कोट

राज्य सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों को झारखंड में ही काम दिए जाने के संकल्प को साकार करने के लिए यह जन महत्वाकांक्षा योजना एक जून से आरंभ हो जाएगी। कोरोना के संकट काल में बेरोजगार होकर आए मजदूरों को यहां रोजगार मिलेगा। जिससे उन्हें इस बात का अहसास हो सके कि सरकार ने उनसे किया गया अपना वादा निभाया है । इस योजना से हजारों लोगों को रोजगार देना संभव हो सकेगा।

हरि कुमार केसरी, डीडीसी- गुमला।


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