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Jharkhand Assembly Election 2019: गुमला में समाधान की ओर उठाए कदम फिर भी समस्याओं से जनता बेदम

Jharkhand Assembly Election 2019. गुमला बाइपास का निर्माण शुरू तो हुआ लेकिन काम बंद हो जाने से लोग परेशान हैं। यहां पेयजल में भी आंशिक राहत ही मिली है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 03:24 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 03:24 PM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: गुमला में समाधान की ओर उठाए कदम फिर भी समस्याओं से जनता बेदम
Jharkhand Assembly Election 2019: गुमला में समाधान की ओर उठाए कदम फिर भी समस्याओं से जनता बेदम

गुमला, जासं। Jharkhand Assembly Election 2019 - शिवशंकर उरांव भाजपा के टिकट पर 2014 में पहली बार गुमला विधानसभा से चुनाव जीते। कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी थीं। कुछ के समाधान की ओर उन्होंने कदम उठाए लेकिन समस्याओं का मकडज़ाल ऐसा है कि कई अब भी जस की तस बनी हुई हैं। अब यह आने वाला वक्त बताएगा कि क्षेत्र की जनता ने उरांव को समाधान की दिशा में उठाए कदमों के लिए याद रखा या कई समस्याओं का हल नहीं ढूंढ पाने की वजह से। गुमला की तीन चौथाई आबादी कृषि पर आधारित है लेकिन सिंचाई की व्यवस्था नहीं।

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सिंचित क्षेत्र बमुश्किल आठ से नौ फीसद है। खेतीबारी के लिए गुमला के डुमरी प्रखंड में अपर शंख जलाशय का निर्माण कराया गया। लेकिन उस जलाशय से खेतों तक पानी नहीं पहुंचाया जा रहा। इससे किसान परेशान हैं। किसानों को वर्षा आधारित खेती पर निर्भर रहना पड़ता है। लघु सिंचाई विभाग द्वारा बनाए गए चेकडैम कहीं भी उपयोगी नजर नहीं आ रहे हैं। पीने का पानी भी यहां की बड़ी समस्या है। शहरी क्षेत्र में इसके समाधान के लिए विधायक ने प्रयास किए हैं।

वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से लोगों को राहत दी जा रही है लेकिन बड़ी आबादी तक इसकी पहुंच नहीं। शहर में जाम से भी लोग त्रस्त रहते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए बाइपास का निर्माण शुरू हुआ लेकिन बात बनी नहीं। संवेदक की लापरवाही के कारण बार-बार समय बढ़ाए जाने से बाइपास का निर्माण थम गया है। संवेदक को काली सूची में डाल दिया गया है। बाइपास का निर्माण ठप है। मामला न्यायालय में लंबित है इससे गुमला शहर में सड़क जाम की समस्या बनी रहती है। लोगों में इसे लेकर नाराजगी है।

गुमला शहर में शीतगृह नहीं होने के कारण किसान और व्यापारियों का कच्चा माल बर्बाद हो जाता है। इसके समाधान की दिशा में कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। चैनपुर प्रखंड के कुरुमगढ़ में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बदलने की योजना स्वीकृत हो चुकी है। लेकिन इस योजना को धरातल पर उतारने का काम अब तक नहीं किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में कुछ कदम उठाए गए हैं। गुमला पॉलिटेक्निक कॉलेज में इसी सत्र में नामांकन आरंभ हुआ है। पांच ट्रेडों में पढ़ाई हो रही है।

इसके अलावा डुमरी में मॉडल प्रखंड सह अंचल कार्यालय भवन का निर्माण कार्य भी शामिल हैं। कोंडरा में अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बनकर तैयार है, लेकिन उसमें पुलिस कैंप है। बाबा टांगीनाथ धाम जाने वाली सड़क और डुमरी चौक से डुमरी थाना तक जाने वाली सड़क पूरी तरह से जर्जर है। इन सड़कों के निर्माण के लिए डुमरी के लोग बार-बार मांग कर रहे हैं। विधायक और सांसद की ओर से टेंडर निकलने का आश्वासन दिया जाता रहा है। यह एक ज्वलंत समस्या है जिसका समाधान पिछले पांच साल में नहीं कराया गया।

पांच बड़े मुद्दे पर कितने खरे उतरे विधायक

1. पेयजल की पर्याप्त सुविधा नहीं

गुमला में पेयजल एक बड़ी समस्या है। लोग पीने के पानी के लिए तरसते हैं। नागफेनी जलापूर्ति परियोजना, नई जल मीनार के निर्माण और आरओ सेंटर से शुद्ध पानी देने के लिए कई काम हुए हैं।

शिवशंकर उरांव : गांव-गांव में मिनी जल मीनार लगाई गई है। गुमला शहर में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए सदर अस्पताल और गुमला थाना चौक पर आरओ सेंटर का निर्माण कराया गया है।

भूषण तिर्की : लोगों को आरओ सेंटर से पानी खरीदना पड़ता है। जल मीनारों का हाल बेहाल है। घटिया सोलर प्लेट के कारण पानी नहीं निकला। पानी के लिए लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं।

2. आवागमन की सुविधा पर उठे सवाल

कई ऐसे इलाके हैं जहां अब भी आवागमन की सुविधा नहीं। गांवों में जाने के लिए सड़कें नहीं हैं। सड़क नहीं होने के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है।

शिवशंकर उरांव : कई प्रमुख सड़कों का निर्माण कराया गया है। उन सड़कों में शहीद नयमन कुजूर पथ भी है। सोसो मोड़ से लेकर आंजन तक आरसीडी ने सड़क का निर्माण कराया है।

भूषण तिर्की : जरा डुमरी से नवाडीह जाने वाले पथ का हाल देख लीजिए। सड़क में गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क है। डुमरी से टांगीनाथ धाम जाने वाली सड़क की बदहाली भी देख लीजिए।

3. रोजगार के लिए पलायन

असंगठित किसान मजदूर पलायन करते हैं। मानव तस्करी के लिए गुमला बदनाम है। आए दिन महानगरों से बालक बालिकाओं को मुक्त करा कर लाने का काम किया जाता है।

शिवशंकर उरांव : मनरेगा से रोजगार दिलाया जा रहा है। सखी मंडल का गठन कर लागत पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है। अंडा उत्पादन और मुर्गी पालन से आर्थिक स्थिति सुधरी है।

भूषण तिर्की : गांवों में जाकर देखिए, कितनी बेरोजगारी है। युवक व युवतियां पलायन को मजबूर हैं। महानगरों में इन्हें सही पारिश्रमिक नहीं मिलता। जमकर शोषण होता है।

4. बिजली की समस्या

बिजली की गंभीर समस्या है। शहर में दस से बारह घंटे बिजली की आपूर्ति होती है तो गांवा में तो कई-कई दिनों तक बिजली आती ही नहीं। सिर्फ बिल समय पर आ जाता है।

शिवशंकर उरांव : विद्युत आपूर्ति में सुधार कराने के लिए कई काम कराए हैं। गुमला में नया विद्युत ग्रीड स्टेशन का निर्माण कराया गया है। जल्द ही यह ग्रीड चालू हो जाएगा। समस्या का समाधान हो जाएगा। 

भूषण तिर्की : शहरी इलाके के ही कॉलेज रोड और आसपास के इलाके में चले जाइए, पर्याप्त बिजली नहीं मिलती है। चैनपुर डुमरी के लोगों से पूछ लीजिए कि कितने घंटे बिजली मिलती है।

5. इलाज की नहीं है सुविधा

गुमला में सदर अस्पताल में मात्र सौ बेड की क्षमता है। जमीन पर मरीजों को लिटा कर इलाज कराना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य उप केंद्रों में इलाज की व्यवस्था नहीं है। चिकित्सक रहते नहीं है।

शिवशंकर उरांव : गरीबी रेखा से नीचे जीवन बसर करने वाले सभी लोगों को प्रधानमंत्री आरोग्य योजना के तहत गोल्डेन कार्ड बनवाने का काम किया है। सदर अस्पताल में सुधार के उपाय किए जा रहे हैं।

भूषण तिर्की : गांवों में न चिकित्सक रहते हैं और न ही चिकित्साकर्मी। दवा भी ढंग से नहीं मिलती। बीमार पडऩे पर लोगों को जिला मुख्यालय आना पड़ता है।

मतदाताओं का मिजाज

विधायक गुमला शहर में उपलब्ध रहते हैं। विधायक ने पेयजल समस्या के समाधान की दिशा में बेहतर काम करने का प्रयास किया है। लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिल रहा है। -व्यवसायी नवीन कुमार गुप्ता। अंक 10 में 7

गुमला शहर एवं ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को उज्जवला गैस योजना का लाभ दिया गया है। महिलाओं के स्वास्थ्य का ख्याल रखा गया है। सखी मंडलों से भी लाभ हुआ है। -मंजूला कुमारी, गृहणी। अंक 10 में 8

गुमला के केओ कॉलेज में अब स्नातकोत्तर की पढ़ाई हो रही है। पहले पढऩे के लिए बाहर जाना पड़ता था। छात्राओं को पढऩे में कई तरह की प्रोत्साहन भी मिल रहे हैं। -पूजा कुमारी, छात्रा केओ कॉलेज। अंक 10 में 5

प्रधानमंत्री किसान निधि योजना और मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से किसानों को आर्थिक सहायता मिलनी आरंभ हो गई है। कई जगहों पर सिंचाई के लिए चेक डैम बनाए गए हैं। -रामख्याल साहु किसान ग्राम तिर्रा। अंक 10 में 6

विधायक ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करते हैं। समस्याओं की जानकारी लेकर समाधान कराने का प्रयास करते हैं। विद्यालयों पर भी खास ध्यान देते हैं। -अमित कुमार लाल, शिक्षक, रायडीह। अंक 10 में 8

विधायक शहर में कम रहते हैं लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में उनका लगातार भ्रमण होता रहता है। शहर के कार्यक्रमों में उनकी भागीदारी रहती है। उनका काम अच्छा है। -संजय महापात्र, समाजसेवी, गुमला। अंक 10 में 6

आमने -सामने

जब मैं पहली बार 2014 में विधायक चुना गया, उसके पहले गुमला शहर और जिला में विधायक के दर्शन बमुश्किल हुआ करते थे। मैंने विधायक बनने के बाद एक सुनियोजित कार्यक्रम के तहत लोगों से मिलना उनकी समस्याओं को सुनना और समाधान के लिए प्रयास करना आंरभ किया। मेरा मानना है कि शिक्षा ही जनजातीय जीवन में जागृति ला सकती है। लोगों को उनके अधिकार का एहसास करा सकती है। लोगों को जगाना मेरा काम है। उन तक जन सुविधा पहुंचाने की कोशिश की गई है। हर क्षेत्र में मैंने काम किया है। शिक्षा बिजली सिंचाई पेयजल और सड़क निर्माण के लिए बहुत सारे काम हुए हैं। -शिवशंकर उरांव, विधायक, गुमला भाजपा।

पिछले पांच सालों में विधायक ने कोई ऐसा काम नहीं किया जिससे शहर या ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को राहत मिल सके। देख लीजिए गुमला शहर को। आए दिन शहर की सड़क जाम रहती है। लोगों की मांग गुमला बाइपास की है। लेकिन सरकार ने बाइपास निर्माण का काम पूरा नहीं कराया। सरकार ने लोगों की जमीन भी ले ली और चलने की सुविधा भी नहीं दी। भाजपा की सरकार बड़े-बड़े डैम और कॉरीडोर का निर्माण कराकर लोगों को उजाडऩा चाहती है। विस्थापन के खिलाफ हमारा संघर्ष निरंतर जारी है। जल जंगल और जमीन की रक्षा के लिए हम कटिबद्ध हैं। -भूषण तिर्की, पूर्व विधायक, झामुमो।

गुमला विधानसभा

कुल मतदाताओं की संख्या 2,11,233

पुरुष : 1,07164

महिला : 1,04069

विधायक निधि का खर्च

2015-16  100 प्रतिशत

2016-17  100 प्रतिशत

2017-18  100 प्रतिशत

2018-19  100 प्रतिशत

2019-20  विधायक द्वारा योजनाओं की अनुशंसा

गुमला विधानसभा 2014 के चुनाव नतीजे

शिवशंकर उरांव : भाजपा : 49,715

भूषण तिर्की : झामुमो : 46,285

लोकसभा चुनाव 2019 में गुमला विधानसभा का परिणाम

सुदर्शन भगत : भाजपा : 62,628

सुखदेव भगत : कांग्रेस : 69,313


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