स्वतंत्रता सेनानी के वंशज का नहीं बना राशन कार्ड
गुमला : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन में
गुमला : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आह्वान पर अंग्रेजों के खिलाफ चल रहे स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेकर जेल की यात्रा करने वाले स्वतंत्रता सेनानी रूसू टाना भगत के वंशज राशन कार्ड बनवाने के लिए भटक रहे हैं। ढाढ़ू टाना भगत के साथ खुरसुता गांव के कई लोगों ने सन्न 1942 के भारत छोड़ों आंदोलन में भाग लिया था। अंग्रेजी हुकूमत ने उन सबों को गिरफ्तार कर लिया था और विभिन्न जेलों में उन लोगों को डाल दिया था। रूसू टाना भगत उन में से एक थे। सभी लोग रायडीह थाना क्षेत्र के खुरसुता गांव के रहने वाले थे। रूसू टाना भगत के पौत्र मथुरा टाना भगत ने शनिवार की शाम गुमला परिसदन में केन्द्रीय जनजातीय मामलों के राज्य मंत्री सुदर्शन भगत से मुलाकात की और उसे बताया कि उसका राशन कार्ड नहीं बना है जिस कारण उसे सरकारी लाभ नहीं मिल रहा है। जिनका राशन कार्ड बना है उसे प्रधानमंत्री आवास की सुविधा मिल रही है। ढाढ़ू टाना भगत के वंशज बबलू टाना भगत ने केन्द्रीय मंत्री से स्वतंत्रता सेनानियों का स्मारक बनवाने और उनके वंशजों के बच्चों का नामांकन रक्षा विश्वविद्यालय में करवाने की मांग की। केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि उन्होंने रायडीह के प्रखंड विकास पदाधिकारी को स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों का राशन कार्ड बनवाने का निर्देश दिया है। खुरसुता के स्वतंत्रता सेनानियों का भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अहम योगदान था। 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्र पत्र देकर सम्मानित किया था। ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों के वंशजों का राशन कार्ड नहीं बनना ¨चता का विषय है। बीडीओ ने उन्हें बताया कि जिनका राशन कार्ड नहीं बना है उन्हें सोमवार को बुलाकर राशन कार्ड बनवाने की कार्रवाई आरंभ की जाएगी।