Move to Jagran APP

अश्रुपूर्ण नयनों से मां दुर्गे की हुई विदाई, अगले बरस आने का भक्तों दिया आमंत्रण

जेएनएन गुमला दुर्गा पूजा सरकारी गाइडलाइन के अनुपालन के साथ ही शांति और सद्भाव के साथ सं

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 07:54 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 07:54 PM (IST)
अश्रुपूर्ण नयनों से मां दुर्गे की हुई विदाई, अगले बरस आने का भक्तों दिया आमंत्रण
अश्रुपूर्ण नयनों से मां दुर्गे की हुई विदाई, अगले बरस आने का भक्तों दिया आमंत्रण

जेएनएन, गुमला : दुर्गा पूजा सरकारी गाइडलाइन के अनुपालन के साथ ही शांति और सद्भाव के साथ संपन्न हुआ। सोमवार को सभी पूजा समितियों द्वारा माता की प्रतिमाओं का अश्रुपूर्ण नयनों से विसर्जन किया गया और माता को अगले साल आने का आमंत्रण भी दिया। गुमला में सोमवार को सरकारी रोक के बावजूद आस्था को बचाने और परंपरा को निभाने के उद्देश्य से कुछ पूजा समितियां रावण के पुतले की दहन की तैयारी की थी। इस तैयारी की भनक गुमला पुलिस को लग गई। एलआरडीसी सुषमा नीलम सोरेंग के नेतृत्व में पुलिस पुतला दहन कार्यक्रम को रोकने के लिए डुमरडीह पहुंची। डुमरडी पूजा समिति और रावण दहन समिति के सदस्यों को पुतला दहन करने से रोक दिया गया। पुतला की बनाए गए कुछ भाग को नदी में विसर्जित कर दिया। प्रतिकात्मक रूप से पुआल जलाया। मुरकुंडा में भी पुलिस की टीम पहुंची। वहां रावण का पुतला बनकर तैयार था। प्रशासन ने पुतला दहन करने से मना कर दिया। पुतला दहन का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। जब तक पुलिस कोंटेबसेरा पहुंचती तब तक पुतला दहन का कार्यक्रम संपन्न हो चुका था। एलआरडीसी नीलम सुषमा सोरेन ने बताया कि सरकार के गाइडलाइन का अनुपालन करना प्रशासन की जिम्मेवारी है। कोरोना काल है। भीड़ जमा होने से संक्रमण फैल सकता है।

loksabha election banner

प्रतिकात्मक पुतला का जगह-जगह हुआ दहन : जिले के विभिन्न स्थानों पर प्रतिकात्मक रूप से रावण के पुतले का दहन भी किया गया। गुमला के पालकोट रोड में उत्साही बच्चों ने प्रतिकात्मक पुतला बनाया और आतिशबाजी की। इसी तरह पालकोट में प्रतिकात्मक पुतले का दहन किया गया। सुदूरवर्ती गांवों में जहां पुलिस की पहुंच नहीं हो सकी वहां-वहां रावण के पुतले का प्रतिकात्मक रूप से दहन किया गया।

ग्रामीण क्षेत्रों में भी रही दुर्गा पूजा की धूम : ग्रामीण अंचलों में दुर्गा पूजा धूम-धाम से मनाया गया। सोमवार को माताओं की प्रतिमा का विसर्जन पवित्र सरोवरों में किया गया। कुछ जगहों में रावण के पुतले का भी दहन किया गया। पालकोट में छह फिट का पुतला बनाकर बच्चों ने उसका दहन किया। पालकोट के अलावे पोजेंगा, बघिमा, टेंगरिया, नाथपुर तपकारा में भी माता की प्रतिमा को नम आंखों से विदाई दी गई। कामडारा बकसपुर और पोकला में भी माता की प्रतिमाओं को विसर्जित किया गया और उन्हें नम आंखों से विदाई देते हुए अगले साल आने का आग्रह किया गया। बिशुनपुर में दुर्गा पूजा संपन्न हो गया। नदियों व सरोवरों में प्रतिमा का विसर्जन किया गया। सिसई में दुर्गा पूजा हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सभी पूजा समितियों ने माता की प्रतिमाओं को विसर्जित किया। प्रतिमा विसर्जन के दौरान माता के भक्त नाचते गाते नजर आए। उनका जयकारा लगाया जा रहा था। सिसई के रावण मैदान में प्रतिकात्मक रावण दहन किया गया। भरनो प्रखंड में भी शांति से और हर्षोल्लास के साथ नम आंखों से उन्हें विदाई दी गई। भरनो जूरा डुंबो के तालाबों में माता के प्रतिमा को विसर्जन किया गया। शोभा यात्रा निकाली गई। डुमरी में भी शांति पूर्वक माता की प्रतिमाओं का पूजन एवं विसर्जन का कार्यक्रम संपन्न हुआ। मूर्ति विसर्जन के लिए शोभा यात्रा निकाली गई। बड़ा तालाब में माता के प्रतिमा का विसर्जन किया गया। बसिया में भी माता के प्रतिमा का विसर्जन किया गया। एसडीओ संजय पीएम कुजूर स्वयं पूजा समितियों पर नजर रखे हुए थे। रायडीह में भी माता की प्रतिमाओं का सभी पूजा पंडालों में विसर्जित किया। शोभा यात्रा भी निकाली। रायडीह के पतराटोली मांझाटोली शंखमोड़ कोंडरा बागबोथा और टुडुरमा में प्रतिमा विसर्जन का कार्यक्रम किया गया। घाघरा और जारी प्रखंड में भी दुर्गा पूजा और प्रतिमा विसर्जन शांति से संपन्न हो गया। रायडीह में विजयदशमी के दिन नवागढ़ में पुनीत लाल ने ग्रामीणों के बीच महाप्रसाद का वितरण किया।

उर्मी अरमई डुमरडीह पूजा समिति में नौ कन्याओं का हुआ पूजन : उधर, उर्मी अरमई डुमरडीह दुर्गा पूजा समिति में हवन विसर्जन के बाद नौ कन्या पूजन किया गया। यह परंपरा पिछले साल से आरंभ हुआ है। आस पास के सभी कन्याओं को पंडाल के नीचे पूजन किया जाता है। उन्हें भोजन कराया गया और समिति के अलावे सदस्यों की ने अपनी ओर से कुंवारी कन्याओं को दान कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस कार्यक्रम में महिलाओं ने भी योगदान दिया। सोमवार की सुबह नवपत्रिका विसर्जन के दौरान महिलाओं ने बंगला परंपरा के अनुसार सिंदूर खेली।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.