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भारत-पाक सीमा पर फायरिंग में झारखंड का लाल शहीद, गुमला के पैतृक गांव में मातम Gumla News

जवान संतोष गोप की शहादत की सूचना मिलने के बाद गांववाले भी स्तब्ध हैं। शहीद का पार्थिव शरीर सोमवार को पैतृक गांव पहुंचेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Published: Sun, 13 Oct 2019 11:58 AM (IST)Updated: Sun, 13 Oct 2019 09:12 PM (IST)
भारत-पाक सीमा पर फायरिंग में झारखंड का लाल शहीद, गुमला के पैतृक गांव में मातम Gumla News
भारत-पाक सीमा पर फायरिंग में झारखंड का लाल शहीद, गुमला के पैतृक गांव में मातम Gumla News

गुमला, जेएनएन। देश के लिए शहादत देने वालों में गुमला के बसिया प्रखंड के टेंगरा गांव का सपूत संतोष गोप का भी नाम शुमार हो गया है। वह शनिवार की रात जम्मू- कश्मीर में शहीद हो गए। सेना के अधिकारियों ने शनिवार की देर रात इसकी जानकारी शहीद के परिवार वालों को दी। बताया गया कि पाकिस्तान से सटे रजौरी के नवशेरा सेक्टर में पाकिस्तानी सैनिकों के सीज फायर उल्लंघन में भारतीय जवान संतोष गोप घायल हो गए थे। संतोष को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वह शहीद हो गए। शहीद के बड़े भाई नीलांबर गोप ने बताया कि शनिवार की रात करीब दस बजे सेना के कर्नल ने फोन पर यह जानकारी दी। रविवार की सुबह भी मोबाइल पर सेना के कर्नल ने फोन किया और बताया कि शहीद संतोष का पार्थिव शरीर विमान से रांची भेजा जाएगा जहां से हेलीकॉप्टर से सोमवार की सुबह गांव भेजा जाएगा।

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घर वालों को शादी के लिए लड़की देखने को कह गया था

संतोष गोप इस साल दो मई को अवकाश में घर आए थे। चार जून को अवकाश समाप्त होने पर-जम्मू कश्मीर चले गए। उनकी मां सारो देवी और पिता जीतू गोप के अनुसार संतोष ने कहा था कि वह इस साल शादी करेगा। आप लोग लड़की देख कर रखें। उनकी योजना गुमला में जमीन खरीदकर घर बनाने की थी। लेकिन योजना धरी रह गई।

आज गांव पहुंचेगा शहीद का पार्थिव शरीर

शहीद संतोष का पार्थिव शरीर सोमवार को उनका पैतृक गांव बसिया के टेंगरा पहुंचेगा। हेलीकाप्टर उतारने के लिए प्रशासनिक तैयारियां आरंभ कर दी गई हैं। प्रशासन एवं पुलिस के अधिकारियों का इस गांव में पहुंचना आरंभ हो गया है। रविवार दोपहर बसिया के एसडीपीओ दीपक कुमार और पुलिस निरीक्षक बैजू उरांव गांव पहुंचे थे। उन्होंने परिवार के सदस्यों को सांत्वना दी। सरकार से मिलने वाली सुविधाओं की भी जानकारी दी। एसडीपीओ ने बताया कि सम्मान के साथ शहीद का पार्थिव शरीर लाया जाएगा। हेलीपैड से घर तक पार्थिव शरीर को सेना और पुलिस के जवान कंधा देकर लाएंगे जहां श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। गांव के खेल मैदान में हैलीपैड बनाया जा रहा है।

बेटा के देश सेवा में शहीद होने का गर्व 

जीतू गोप गमगीन हैं। उनका कहना है कि बड़े लाड़ प्यार से बेटा को पाला था। पुत्र खोने का गम है लेकिन उनका बेटा देश की सेवा में काम आया, इसका गर्व है। जब बेटा की सेना में नौकरी हो गई थी तो उन्हें लगा था कि अब उन्हें सहारा देने वाला मिल गया। उन्हें चिंता है कि परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य चला गया, अब उनके बुढ़ापे की लाठी कौन बनेगा।


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