उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं कराने वालों पर दर्ज कराएं प्र्राथमिकी
हेमंत सोरेन सरकार के शौचालय निर्माण एवं ओडीएफ हुए गांवों की जांच कराने के कथित निर्देश या कथित इरादा को भांपते हुए गुमला जिला प्रशासन रेस हो गया है। सोमवार को आइटीडीए के सभागार में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की हुई बैठक में उपायुक्त ने शौचालय निर्माण से संबंधित उपयोगिता प्रमाण
जागरण संवाददाता,गुमला: हेमंत सोरेन सरकार के शौचालय निर्माण एवं ओडीएफ हुए गांवों की जांच कराने के कथित निर्देश या कथित इरादा को भांपते हुए गुमला जिला प्रशासन रेस हो गया है। सोमवार को आइटीडीए के सभागार में पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की हुई बैठक में उपायुक्त ने शौचालय निर्माण से संबंधित उपयोगिता प्रमाण पत्रों की समीक्षा के दौरान उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं करने वाले स्वयं सहायता समूह या वीडब्यूएससी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया। उपायुक्त को बताया गया कि गुमला जिला में सिर्फ 1987 उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराए गए हैं। यह सुनकर उपायुक्त नाराज हुए और पेयजल स्वच्छता विभाग और प्रखंड विकास पदाधिकारियों को झिड़की देते हुए अगले एक सप्ताह में सभी लंबित उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करने का निर्देश दिया। गुमला जिला में 27 हजार 700 शौचालय बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसे 15 मार्च तक पूरा करना है। लक्ष्य पूरा करने के लिए मात्र 50 दिन का समय बचा है। लिहाजा हर दिन जिले में 600 शौचालय का निर्माण कराना होगा। बैठक में एनओएलबी की सूची उपलब्ध कराने का निर्देश हर बीडीओ को दिया गया। एनओएलबी सर्वेक्षण के तहत 8500 शौचालय का निर्माण बाकी है। जिनमें भरनो में 3500, बसिया में 3180 और कामडारा में 2610 शौचालय शामिल हैं। डीसी ने इस काम में तेजी लाने का निर्देश दिया। बैठक में उप विकास आयुक्त हरि केसरी, सहायक समाहर्ता सह सहायक दंडाधिकारी मनीष कुमार, कार्यपालक अभियंता चंदन कुमार और सभी प्रखंडों के बीडीओ शामिल थे।