Move to Jagran APP

रायडीह सीओ को महिलाओं ने बनाया बंधक

संवाद सूत्र रायडीह कूड़ो छत्तरपुर पंचायत अंतर्गत बरगी डांड गांव में बुधवार को ट्रैक्टर

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Oct 2020 10:00 PM (IST)Updated: Wed, 21 Oct 2020 10:00 PM (IST)
रायडीह सीओ को महिलाओं ने बनाया बंधक
रायडीह सीओ को महिलाओं ने बनाया बंधक

संवाद सूत्र रायडीह : कूड़ो छत्तरपुर पंचायत अंतर्गत बरगी डांड गांव में बुधवार को ट्रैक्टर पर अवैध बालू को पकड़ना सीओ नरेश कुमार मुंडा को महंगा पड़ा। उन्हें महिलाओं के आक्रोश को झेलना पड़ा। सुबह 8 से 3 बजे तक गांव में घेरे रखा गया। सीओ अवैध बालू उठाव की मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए ट्रैक्टरों को जब्त करने पहुंचे। जब्ती की कार्रवाई के दौरान गांव की महिलाओं ने भेदभावपूर्ण कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए उनका घेराव किया। सीओ के घेरा घेराव की सूचना मिलने पर चैनपुर इंस्पेक्टर अनूप केरकेट्टा, रायडीह थाना प्रभारी संजय कुमार और सुरसांग थाना प्रभारी विक्रमा राम दल बल के साथ वहां पहुंचे। इन पुलिस अधिकारियों घटना की जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। बहुत देर बाद बालू लदे ट्रैक्टर पर केस नहीं करने और ट्रैक्टर को थाना में नहीं इसे ब्लाक में खड़ा करने की बात पर महिलाएं एवं ग्रामीणों ने सीओ को रिहा करने पर सहमत हुए। ट्रैक्टर को प्रखंड कार्यालय के परिसर में लगाया गया।इसके पूर्व महिलाओं ने जमकर बवाल काटा। वे ट्रैक्टर के चक्का के नीचे लेट गयीं थी। उन लोगों ने मार्ग अवरुद्ध कर दिया था।

loksabha election banner

क्या है मामला

सीओ नरेश कुमार मुंडा मोटरसाईकिल से अंचल निरीक्षक जेठू कोरबा के साथ सुबह आठ बजे बरगी डांड गांव में शंख नदी से अवैध बालू खनन को रोकने गए थे। मौके पर उन्होंने बालू लदे दो ट्रैक्टरों को जब्त किया। जबकि दो चालक ट्रैक्टर भाग गए। एक ट्रैक्टर चालक रास्ते में बालू गिराकर फरार हो गया।

ग्रामीणों का आरोप: ग्रामीणों का कहना था कि सीओ नरेश कुमार मुंडा पक्षपात नीति अपनाते हैं। उनके संपर्क या उच्ची पहुंच और पैरवी वाले लोगों के ट्रैक्टर को देखकर आंख मूंद लेते हैं। साधारण लोगों को पकड़कर केस करते हैं। ये भेदभाव नहीं चलेगा। वे इस बात पर अडे़ रहे कि जो ट्रैक्टर भाग गया उसे भी पकड़ कर लाएं और साथ साथ केस करने के लिए थाना ले चलें। दो गाड़ी में से एक खाली गाड़ी को जबरन पकड़ने का हवाला दिया गया। इनका कहना था कि गांव में प्रधान मंत्री आवास मिला है। गांव से बिल्कुल सटा हुआ शंख नदी है। आखिर बिना बालू का आवास कैसे बनेगा? बालू गांव में ही उपयोग हो रहा है। कोई व्यवसाय नहीं किया जा रहा है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.