लॉकडाउन का पालन करते हुए मनाएं ईद : मो. आशिक
जागरण संवाददातागुमला कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में इजिागरण संवाददातागुमला कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में इ ि जागरण संवाददातागुमला कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में इ ि जागरण संवाददातागुमला कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में इ ि जागरण संवाददातागुमला कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में।
जागरण संवाददाता,गुमला : कोरोना संक्रमण के कारण चल रहे लॉकडाउन के दौरान गुमला में इतिहास सोमवार को करवट बदलेगा। इस साल पहली बार ऐसा होगा की ईदगाह में सामूहिक नमाज नहीं पढ़े जाएंगे। मस्जिदों में भी नमाज पढ़ने की मात्र औपचारिकता निभायी जाएगी। लोग एक दूसरे से गले मिलने से परहेज करें। ईद के दिन सड़कों पर दिखने वाली खुशियां घरों में जरूर दिखाई पड़ेगी। गुमला अंजुमन के प्रवक्ता मो.आशिक अंसारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर लोगों के जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। लोगों की सुरक्षा और देश के कानून को ध्यान में रखकर भीड़ नहीं लगाने का फैसला किया गया है। घरों से अनावश्यक बाहर नहीं निकलें व लॉकडाउन का पालन करते हुए ईद मनाएं। यही कारण है कि फितरा की राशि गरीबों के बीच वितरित किए गए हैं। लोग नए कपड़े नहीं लिए है। पहले से लिए नए कपड़े का ही लोग उपयोग करेंगे। मस्जिद में सिर्फ पांच लोग नमाज अता करेंगे। बाकी लोग अपने-अपने घरों में नमाज पढ़ेंगे।
पहले की तुलना में काफी कम बिकी सेवई : गुमला शहर के मो.मिनहाज नामक सेवई विक्रेता ने बताया कि पूर्व वर्षों में 15 से 20 क्विंटल सेवई बेच लिया करता था। इस बार तो पांच क्विटल सेवई बेचना भी संभव नहीं हो सका। गांव के लोग शहर नहीं आ रहे हैं लॉकडाउन के कारण ग्रामीणों के नहीं आने से ईद का बाजार फीका-फीका रहा। कपड़े की दुकान भी नहीं खुले। एक दो दुकानें जरूर खुले थे लेकिन ग्राहक दिखाई नहीं पड़े। दुकानदार अपनी दुकान में बैठकर नमाज पढ़ रहा था। अल्लाह का स्मरण कर रहा था। जूता चप्पल, टोपी, इत्र आभूषण आदि की भी बिक्री न के बराबर हुई। इसलिए की दुकानें बंद रहीं।