गोली से नहीं धारदार हथियार के घाव से हुई थी जिलानी की मौत
जवान और अधिकारियों के भी बयान लिए गए हैं। हैरत की बात यह है कि पुलिस के जवानों का नाम ग्रामीणों को कैसे पता चला। जिलानी के शव का इंक्वेस्ट बनाने वाले अधिकारी ने भी गलती की। इंक्वेस्ट पर गोली लगने से मौत होने की बात कही गई है। रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। सरकार को भेजने का काम किया जाएगा।
रमेश कुमार पाण्डेय, गुमला : सात दिसंबर को विधानसभा चुनाव के द्वितीय चरण के मतदान के दौरान सिसई विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 36 पर तैनात पुलिस कर्मियों और ग्रामीणों के बीच हुई झड़प के दौरान मरे मो.जिलानी अंसारी की मौत गोली लगने से नहीं बल्कि धारदार हथियार के घाव से हुई थी। उपायुक्त सह निर्वाचन पदाधिकारी शशिरंजन की ओर से गठित जांच समिति के प्रतिवेदन में यह बात सामने आई है। जांच समिति के सदस्यों ने घटना स्थल पर जाकर ग्रामीणों व मृतक की पत्नी से भी पूछताछ की। समिति ने कुल 72 लोगों का बयान लिया है जिसमें ग्रामीण, मतदान कराने वाले कर्मी, राजनीतिक दलों के एजेंट, पुलिस के अधिकारी और पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों का दल भी शामिल है। जांच समिति के एक सदस्य ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्सकों के दल ने धैर्य पूर्वक पोस्टमार्टम किया, इसका विडियोग्राफी भी हुआ था। तैयार किए गए विडियो के 77 प्लेट तैयार कराए गए थे, जिनका बारीकी से अध्ययन किया गया। अध्ययन के दौरान गोली लगने का निशान कहीं नहीं पाया गया। जिलानी की मौत धारदार हथियार के वार से हुए जख्म के कारण हुई है। उस सदस्य ने यह भी कहा कि जांच के दौरान यह पाया गया कि जिस समय मतदान केंद्र पर धक्का-मुक्की हो रहा था। उसी दौरान कुछ मतदाता और राजनीतिक दल के अभिकर्ता जान बचाने के लिए मतदान केंद्र के अंदर चले गए और कमरे को भीतर से बंद कर लिया गया था। मो.जिलानी की पत्नी जो मतदान के लिए लाइन में खड़ी थी वह भी कमरे में बंद हो गई थी। इसलिए मो.जिलानी की पत्नी को भी आई विटनेश नहीं माना जा सकता। हालांकि जिलानी के पत्नी ने अपने बयान में पुलिस के गोली से अपने पत्नी का मौत होने का दावा किया है। जांच के दौरान झामुमो के चुनाव अभिकर्ता ने भी जिलानी को पुलिस की गोली लगते देखने की बात नहीं स्वीकारी। जांच दल के अनुसार ऐसे आरंभ हुआ वारदात लोगों के बयान और मिले साक्ष्य के आधार पर घटना अशफाक द्वारा लाइन तोड़कर मतदान करने की कोशिश से हुई। जब वहां तैनात सुरक्षा कर्मी ने उसे लाइन में खड़ा होने के लिए कहा तो वह पुलिस कर्मी से उलझ गया। दोनों के बीच उठा-पटक होने लगा, लप्पड़-थप्पड़ भी हुई। यहीं से विवाद आगे बढ़ और अशफाक के साथ अन्य लोग पुलिस से रायफल छीनने लगे इसी दौरान पुलिस ने गोली चलायी। अशफाक का भी बयान लिया गया है। उसके बाद बगल के मस्जिद से घटना की जानकारी लाउडस्पीकर से लोगों को दी गई। लोग जमा हुए और पथराव करने लगे। इस पर पुलिस ने आत्मरक्षा में गोली चलायी। पुलिस के घायल जवान और अधिकारियों के भी बयान लिए गए हैं। हैरत की बात यह है कि पुलिस के जवानों का नाम ग्रामीणों को कैसे पता चला। जिलानी के शव का इंक्वेस्ट बनाने वाले अधिकारी ने भी गलती की। इंक्वेस्ट पर गोली लगने से मौत होने की बात कही गई है। रिपोर्ट तैयार हो चुकी है, अब इसे सरकार को भेजा जाना है।
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जिलानी के परिजनों को दिलाएंगे हर सुविधा : जिग्गा मुंडा
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संवाद सूत्र,सिसई : सिसई प्रखंड के बघनी गांव में झामुमो के निर्वाचित विधायक जिग्गा मुंडा ने रविवार को आभार सभा का आयोजन किया। इस दौरान विधायक जिग्गा मुंडा ने कहा कि जिलानी की मौत बेकार नहीं जाएगी। मृतक के परिवार को हर संभव सहायता दी जाएगी। कहा, जिलानी के मौत का खुलासा करने और पुलिस द्वारा निर्दोष ग्रामीणों के खिलाफ दर्ज करायी गयी प्राथमिकी के संदर्भ में वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से बात करेंगे व उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग भी करेंगे। उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।