कामडारा स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी की सड़क हादसे में दर्दनाक मौत
संवाद सूत्र कामडारा ( गुमला ) कामडारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. मानकी कृष्
संवाद सूत्र, कामडारा ( गुमला ) : कामडारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. मानकी कृष्ण मोहन शाही (डा. एमकेएम शाही) की कार सोमवार करीब 11 बजे पेड़ से टकरा गई। जिससे घटनास्थल पर ही डा. शाही की मौत हो गई। घटना सिमडेगा- खूंटी मुख्य पथ स्थित कामडारा प्रखंड के कोंडेकेरा गांव की है। टक्कर इतनी जोरदार थी की डा. शाही कार के परखच्चे उड़ गए और वे कार के अंदर ही फंसे हुए थे। दो घंटे के प्रयास के बाद शव को कार से बाहर निकाला गया। कार में वे इस तरह से फंसे थे कि बिना कार को बिना काटे उन्हें निकालना संभव नहीं था। तुरंत जेसीबी मौके पर मंगाया गया। जिसके बाद जेसीबी की मदद से कार के अंदर फंसे डा. शाही को बाहर निकाला गया। कामडारा के चिकित्सा प्रभारी डा. शाही सोमवार को अपने घर रांची टाटीसिलवे स्थिति आवास से अपने आई टेन कार से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कामडारा में ड्यूटी करने के लिए जा रहे थे। उसी दौरान खूंटी-सिमडेगा मुख्य पथ पर कामडारा क्षेत्र के गांव कोंडेकेरा के पास विपरीत दिशा से आ रही एक अज्ञात वाहन को बचाने का प्रयास करने के कारण उनकी कार असंतुलित होकर सड़क के किनारे एक पेड़ से टकरा गई। कार की रफ्तार तेज होने के कारण पेड़ से टकराते ही कार के परखच्चे उड़ गए। जोरदार टक्कर की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और इसकी सूचना कामडारा थाना प्रभारी देवप्रताप प्रधान को दी। सूचना मिलने के बाद मौके पर बीडीओ रवीन्द्र कुमार गुप्ता के अलावा कामडारा प्रखंड, अंचल व अस्पताल कर्मी सहित
बसिया ,पोकला ,कुलबुरू रामतोल्या समेत आस पास गांव के पांच सौ से अधिक ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कामडारा पहुंच गए।
शव को पोस्टमार्टम के लिए गुमला भेजने से पहले सीएचसी में रखा गया था। जहां ग्रामीण, स्वास्थ्य केंद्र के कर्मचारियों ने डा. शाही की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकरक प्रार्थना की।
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ग्रामीणों के लोकप्रिय थे डा. शाही
कामडारा के ग्रामीणों के बीच अपने स्वभाव व अच्छी सेवा को लेकर डा. एम के शाही ग्रामीणों के लोकप्रिय डाक्टर थे। जिसके कारण उनका स्थानांतरण होने के बावजूद ग्रामीणों की मांग पर कामडारा में विभिन्न तिथियों में सप्ताह में तीन बार उनकी ड्यूटी लगाई गई थी। डा. शाही कामडारा में छह अगस्त 2015 में पदस्थापित किये जाने के बाद से नियमित रुप से सेवा दे रहे थे। इसके पहले डा. शाही विगत 11जुलाई 2001 से 30 नवंबर 2001 तक और 12 फरवरी 2002 से लेकर 12 फरवरी 2008 तक अपनी सेवा दे चुके हैं। डा. शाही की मौत की सूचना पर झारखंड विधान सभा के पूर्व स्पीकर दिनेश उरांव ने दुख प्रकट किया।
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परिजन पहुंचे गुमला
डा. शाही की मौत की सूचना मिलने पर उनके भाई सीएचसी कामडारा पहुंचे और पूरे मामले की जानकार ली। डा. शाही मूल रुप से रांची टाटीसिलवे के रहने वाले थे। उनकी पत्नी का नाम रेणुका शाही है। उनके बीच दो बच्चे हैं। जिसमे मनोज कुमार पुणे में कम्प्यूटर इंजीनियर है। जबकि बेटी अंजली कुमारी जयपुर में होटल मैनेजमेंट कर रही है। डा. शाही अपने पांच भाईयों के बीच दूसरे नंबर पर थे।