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राशन के खातिर पहाड़ पर नेटवर्क की तलाश

गुरदीप राज गुमला प्रत्येक परिवार को उसके हक का राशन मिले और पूरा मिले। इसके लिए बा

By JagranEdited By: Published: Fri, 21 Jan 2022 11:24 PM (IST)Updated: Fri, 21 Jan 2022 11:24 PM (IST)
राशन के खातिर पहाड़ पर नेटवर्क की तलाश
राशन के खातिर पहाड़ पर नेटवर्क की तलाश

गुरदीप राज, गुमला : प्रत्येक परिवार को उसके हक का राशन मिले और पूरा मिले। इसके लिए बायोमैट्रिक पहचान से राशन वितरण किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के पात्र व्यक्ति मशीन पर अंगूठा या अंगुली लगाकर राशन प्राप्त कर रहे हैं। लेकिन रायडीह प्रखंड के कोंडरा पंचायत के तीन गांव में रहने वाले करीब सात सौ कार्डधारियों को राशन के लिए कोनकेल के ऊंचे चेठली टोंगरी पहाड़ पर चढ़ना पड़ रहा है। जब तक वे करीब 150 फीट ऊंचे पहाड़ पर नहीं चढ़ते उन्हें राशन से वंचित रहना पड़ता है। मजबूरीवश वृद्ध व्यक्ति को भी राशन के खातिर पहाड़ पर चढ़ना पड़ रहा है और ईपॉश मशीन में अंगूठा का निशान लगाकर उन्हे राशन मिलता है। यह समस्या तब होती है जब ई-पाश मशीन को जनवितरण प्रणाली की दुकान पर नेटवर्क नहीं मिलता है।

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ई-पाश मशीन को लेकर तलाश करते हैं नेटवर्क

कोंडरा पंचायत के जन वितरण प्रणाली के दुकान में ई-पाश मशीन में नेटवर्क नहीं रहता है तो वह काम नहीं करता है। इसके लिए ई-पाश मशीन लेकर ऊंचे स्थान पर जाना पड़ता है जहां नेटवर्क मिल सके। इसके लिए पास के ही एक ऊंचे पहाड़ में नेटवर्क की तलाश की जाती है। जहां नेटवर्क मिल सके। नेटवर्क मिलने पर कार्डधारियों को ई-पाश मशीन में अंगूठा लगाकर उन्हें एक पर्ची दे दी जाती है। उक्त पर्ची को लेकर कार्डधारी पहाड़ से नीचे उतरकर जनवितरण प्रणाली के दुकान तक 5-10 किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचते हैं और दुकान में पर्ची दिखाकर राशन प्राप्त करते हैं। कभी कभी तो पहाड़ में भी तीन से चार दिनों तक नेटवर्क नहीं मिलता। जिसके लिए कार्डधारियों को वापस लौटना पडता है। यह कार्डधारी 5 से 10 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर राशन लेने पहुंचते हैं। इस चेठली टोंगरी पहाड़ पर सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक ई-पाश मशीन के साथ जनवितरण प्रणाली दुकान के कर्मचारी रहते हैं। यहां सिर्फ बीएसएनएल का ही टावर लगा है। यह टावर भी दस किलोमीटर की दूरी पर है जहां से पहाड़ पर नेटवर्क आता है।

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इस गांव में इतने कार्डधारी

रायडीह प्रखंड के कोंडरा पंचायत के कंसिरा गांव के 235 कार्डधारी हरियाली महिला विकास मंडल, तारालोय गांव के 120 कार्डधारी शांति महिला मंडल व कोनकेल गांव के 330 कार्डधारी ग्रामीण विकास मंडल के जनवितरण प्रणाली की दुकानों से राशन का उठाव करते हैं।

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कार्डधारियों की प्रतिक्रिया

नेटवर्क की समस्या होने के कारण ऊंचे पहाड़ पर चढ़ कर ई-पाश मशीन में अंगूठा का ठप्पा लगाना पड़ता है। अगर नेटवर्क नहीं मिलेगा तो राशन भी नहीं मिलेगा। इसी राशन से उनका और उनके परिवार का पेट भरता है।

- इग्नासियुस डुंगडुग, कार्डधारी ग्राम जोकारी

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कभी कभी तीन से चार दिनों तक पहाड़ में भी नेटवर्क नहीं रहता है, जिसके कारण 5-10 किलोमीटर प्रतिदिन राशन के लिए पैदल ही आना पड़ता है और दिन भर नेटवर्क आने के इंतजार में ही निकल जाता है।

-लीलावती देवी, कार्डधारी ग्राम कोनकेल भंडार टोली

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इस उम्र में पहाड़ पर चढ़ने की इच्छा नहीं होती है। लेकिन ईपॉश मशीन पर ठप्पा नहीं लगा तो राशन नहीं मिलेगा। मजबूरी में बैठ बैठ कर पहाड़ पर चढ़ना पड़ रहा है। न जाने कब यह समस्या दूर होगी।

-जतरू कुम्हार, कार्डधारी ग्राम मोकरा बरटोली

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कोट

नेटवर्क की समस्या होने के कारण कार्डधारियों को राशन देने में परेशानी होती है। इसलिए ऊंचे पहाड़ पर चढ़कर नेटवर्क की तलाश करनी पड़ती है। कभी कभी तो तीन से चार दिनों तक नेटवर्क मिलती है नहीं है।

-प्रस्का बा, ग्रामीण विकास महिला मंडल कोनकेल की सचिव


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