हाकिमों के नाक के नीचे फल फूल रहा नशा का कारोबार
गुरदीप राज गुमला हाकिमों के नाक के नीचे गुमला जिला में नशा का कारोबार फल फूल रहा
गुरदीप राज, गुमला : हाकिमों के नाक के नीचे गुमला जिला में नशा का कारोबार फल फूल रहा है। बिना लाइसेंस के अंग्रेजी शराब डुमरी, चैनपुर, जारी में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। जिले के प्रत्येक प्रखंड के प्रत्येक गांव में देसी शराब घर घर बनाए जा रहे हैं। ब्राउन शुगर का नया कारोबार जिले में शुरू हो गया है। आए दिन नशा के कारण हत्याएं व सड़क हादसे हो रहे हैं बावजूद इसके पुलिस की कार्रवाई शून्य है। नशा के सौदागरों ने युवा पीढ़ी को अपने जाल में फांसकर बर्बादी के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। युवाओं के भविष्य को नशा दीमक की तरह चाट रहा है। शराब, गांजा, ब्राउन शुगर ,नशीले कैप्सूल व कफ सिरप कारोबार का आज जैसे जाल सा बिछ गया है। युवा पीढ़ी पर नशीले पदार्थों की पकड़ लगातार मजबूत हो रही है। नशा समाज के हर हिस्से में तेजी से अपने पांव पसार रहा है। खासकर युवा पीढ़ी नशे के लत की गिरफ्त में पड़ती जा रही है। अगर जल्द ही पुलिस ने नशा के सौदागरों को सलाखों के पीछे नहीं किया तो जिला के युवाओं के शरीर में खून के जगह नशा दौड़ने लगेगा। गुमला जिला अब उड़ता पंजाब, उड़ता बिहार के बाद अब उड़ता गुमला बनने लगा है। नशा के कारण जिले में एक वर्ष में 50 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी है, जबकि 70 से ज्यादा सड़क हादसे हुए हैं। नशा कारोबारी प्रत्येक दिन लाखों का कारोबार नशा बेच कर कर रहे हैं।
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साढ़े सात सौ की शराब बिकती है एक हजार रुपये में
जिले में लाइसेंसी अंग्रेजी शराब की दुकान कुछ ही प्रखडों में हैं। डुमरी, चैनपुर, जारी में एक भी लाइसेंसी शराब की दुकान नहीं है। लेकिन इन प्रखंडों के बड़े व छोटे होटलों में भी खुलेआम अंग्रेजी शराब ऊंची कीमतों पर बेची जा रही है। 750 रुपये की जगह एक हजार रुपये देकर एक बोतल शराब खरीदा जा रहा है। यह शराब गुमला मुख्यालय से विभिन्न प्रखंडों में चोरी छिपे पहुंचाई जाती है। रात के अंधेरे में शराब लेकर एक वाहन आगे आगे चलता है जबकि पीछे आने वाले वाहन में शराब का कारोबारी सवार रहता है। नशा के कारोबारी एक हिस्सा हाकिमों तक भी पहुंचाते हैं जिसके कारण उनका कारोबार चल रहा है।
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जिले में ब्राउन शुगर पसार रहा पांव
गुमला जिले में ब्राउन शुगर के सौदागरों ने पांव पसारना शुरू कर दिया है। ब्राउन शुगर की सप्लाई जिले में सरायकेला, जमशेदपुर व रांची से की जा रही है। ब्राउन शुगर के सौदागरों ने स्थानीय युवाओं को रुपयों का लोभ दिखाकर इस धंधे में उतार दिया हैा। ये युवा पहले मुफ्त में नशा कराते हैं और जब पांच से सात दिनों में युवा नशा का आदी हो जाता है तो ब्राउन शुगर के बदले उससे कीमत वसूली जाती है। गुमला के शास्त्रीनगर निवासी राजन कुमार और आदर्श नगर से मनू गोप को बीस पुड़िया ब्राउन शुगर के साथ पुलिस ने गिरफ्तार किया था। जिले में कोरेक्स, गांजा, देसी शराब का कारोबार लाखों में हो रहा है। कोरेक्स को छोटी छोटी गुमटी में रखकर बेचा जा रहा है।
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कोट
नशा के सौदागरों के खिलाफ पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले दिनों ब्राउन शुगर के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया गया था। यह युवक घूम घूम कर ब्राउन शुगर बेचते थे।
-मनीषचंद्र लाल एसडीपीओ, गुमला।