तीसरी लहर की आशंका में सदर अस्पताल में हुई वेंटिलेटर की व्यवस्था
जागरण संवाददाता गुमला सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में वेंटिलेटर
जागरण संवाददाता, गुमला : सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमण की पहली व दूसरी लहर में वेंटिलेटर आपरेट करने के लिए टेक्नीशियन नहीं थे। कई बार अखबारों में टेक्नीशियन के लिए आवेदन दिए गए लेकिन कोई नहीं आया। जिसके कारण सदर अस्पताल से 13 वेंटिलेटर को रांची भेज दिया गया। तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए तब उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा सदर अस्पताल के छह डाक्टर व स्वास्थ्यकर्मियों को वेंटिलेटर आपरेट करने के लिए प्रशिक्षण के लिए रांची भेजा। जहां प्रशिक्षण पूरा कर जब वे लौटे तो गुमला सदर अस्पताल में छह वेंटिलेटर को मंगवा कर शुरू किया गया। सवा दस लाख की आबादी 64 डाक्टर के भरोसे
सरकार और स्वास्थ्य विभाग बिना डाक्टरों के ही कोरोना की संभावित तीसरी लहर से मुकाबले की तैयारी में है। हालात यह है कि जिले की करीब सवा दस लाख आबादी की सेहत का जिम्मा महज 64 डाक्टरों के कंधों पर है। जिले में 143 डाक्टरों की जरुरत है लेकिन मात्र 64 डाक्टर ही कार्यरत है, जबकि 79 डाक्टरों का पद रिक्त है। जिले में 242 स्वास्थ्य सब सेंटर है। लेकिन कई केंद्र बगैर पानी बिजली के ही है। जिले में एक सदर अस्पताल, दो रेफरल अस्पताल व 11 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है। सभी केंद्रों में करोड़ों की लागत से एक्सरे मशीन, इसीजी मशीन व जनरेटर की खरीद हुई थी। इसमें सदर अस्पताल को छोड़कर सभी केंद्रों में एक्सरे व इसीजी मशीन बेकार पड़े है। यहां तक कि किसी भी केंद्र में टेक्नीशियन डाक्टर तक नहीं है। जिले में 228 एनएचएम कार्यरत है, जबकि स्टाफ नर्स मात्र चार ही है।
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रांची रेफर करने में ही होती है सहूलियत
गुमला सदर अस्पताल, सिसई रेफरल, बसिया रेफरल अस्पतालों में सर्जरी की सुविधा तो सरकार ने उपलब्ध कराई है। सर्जन भी तैनात है बावजूद इसके कोई सर्जन अपनी जिम्मेवारी को पूरी ईमानदारी से नहीं निभाता है। इसके कारण मरीजों को रांची रेफर कर दिया जाता है।