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कलश यात्रा के साथ मानव कल्याण रुद्र महाअभिषेक यज्ञ शुरू

संवाद सूत्र बिशुनपुर ( गुमला) बिशुनपुर प्रखंड के देहलदाग स्थित बर महादेव में कलश यात्रा क

By JagranEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:02 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 09:02 PM (IST)
कलश यात्रा के साथ मानव कल्याण रुद्र महाअभिषेक यज्ञ शुरू
कलश यात्रा के साथ मानव कल्याण रुद्र महाअभिषेक यज्ञ शुरू

संवाद सूत्र, बिशुनपुर ( गुमला) : बिशुनपुर प्रखंड के देहलदाग स्थित बर महादेव में कलश यात्रा के साथ सोमवार को 30 दिवसीय मानव कल्याण रुद्र महाअभिषेक यज्ञ की शुरुआत हुई। यज्ञ के मुख्य आचार्य कल्याण बाबा एवं अजय शास्त्री के नेतृत्व में सैकड़ों महिला-पुरुष बनारी कोई नदी स्थित कोलेश्वर मंदिर के समीप से विधिवत पूजा पाठ करने के बाद कलश यात्रा प्रारंभ की गई। जो गूंगा टोली, बनारी, लापू , हाकाजांग होते हुए रेहलदाग स्थित बर महादेव पहुंची। जहां कलश स्थापना के बाद 30 दिवसीय रूद्र महा अभिषेक यज्ञ प्रारंभ हो गया। इस निमित्त यज्ञ के मुख्य आचार्य कल्याण बाबा ने बताया कि यह यज्ञ सावन के पहले सोमवार इसे प्रारंभ हो रहा है जो लगातार 30 दिनों तक चलता रहेगा और सावन पूर्णिमा के दिन हवन के साथ यज्ञ समाप्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह यज्ञ संपूर्ण मानव जाति की कल्याण एवं विश्व की शांति के लिए आयोजित की गई है। जहां पर कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए यज्ञ किया जाएगा। जिसमें शारीरिक दूरी का पालन एवं मास्क लगाना अनिवार्य है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया है कि जो भी लोग यज्ञ में शामिल होना चाहते हैं वह सामाजिक दूरी का पालन करते हुए मास्क लगाकर यज्ञ स्थल में पहुंचे।

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पांचो पांडव के द्वारा की गई थी बर महादेव में शिवलिग की स्थापना

बिशुनपुर प्रखंड का धार्मिक व ऐतिहासिक धरोहर यह स्थान माना जाता है। स्थानीय लोगों का मान्यता है कि द्वापर युग में जब पांचो पांडव कौरव के साथ जुए के खेल में हार गए तब उन्हें 12 वर्ष की बनवास मिली थी उसी दौरान पांचो पांडव का आगमन बनारी में हुआ था। जहां आज भी पहाड़ का नाम पांचो पांडव से विख्यात है और उसी स्थान पर पांचो पांडव की पूजा भी की जाती है। मान्यता यह भी है कि पांडव के द्वारा ही रेहलदाग स्थित विशाल बरगद के पेड़ के नीचे शिवलिग की स्थापना कर पूजा की गई थी। बरगद पेड़ के नीचे शिवलिग होने के कारण उसका नाम बर महादेव पड़ा और आज भी एक बरगद का पेड़ लगभग 1 से 2 एकड़ भूखंड पर फैला हुआ है जिसकी सैकड़ों लता जमीन को छूकर विशाल विशाल पेड़ बन गए हैं और सभी पेड़ एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

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बरगद की जड़ में दिखते हैं कई भगवान के आकृति

बर महादेव के समीप आज भी विशाल बर का पेड़ मौजूद है जिसकी जड़ में कई भगवान के आकृति भी नजर आते हैं उसी में राम सीता हनुमान एवं गणेश जी की चित्र आसानी से जड़ में देखने को मिल जाता है जिस कारण यह स्थान लोगों के लिए काफी धार्मिक है।


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