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जिनके पूर्वजों ने दी शहादत उनके ही वंशज को नहीं मिला शहीद आवास

शहादत देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर शहीद ग्राम की घोषणा की गई थी उस गांव में रहने वाले प्रत्येक घरों को पक्का बनाया जाना तय हुआ है। ऐसे शहीद ग्रामों में बिशुनपुर प्रखंड के चिगरी गांव भी शामिल है। इस गांव के जतरा टाना भगत ने अहिसक आंदोलन की शुरुआत गांधी युग के आगमन के पहले ही की थी। जतरा टाना भगत के अनुयायी अहिसा के पुजारी हैं। सत्य वचन बोलते हैं। शुद्ध मन और विचार के साथ जीवन जीते हैं। लेकिन शहीद जतरा टाना भगत

By JagranEdited By: Published: Mon, 08 Apr 2019 10:43 PM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:45 AM (IST)
जिनके पूर्वजों ने दी शहादत उनके ही वंशज को नहीं मिला शहीद आवास
जिनके पूर्वजों ने दी शहादत उनके ही वंशज को नहीं मिला शहीद आवास

बिशुनपुर: देश की आजादी में अपनी शहादत देने वाले वीर शहीदों के वंशजों को अब तक पक्का मकान नहीं मिला है। शहादत देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर शहीद ग्राम की घोषणा की गई थी उस गांव में रहने वाले प्रत्येक घरों को पक्का बनाया जाना तय हुआ है। ऐसे शहीद ग्रामों में बिशुनपुर प्रखंड के चिगरी गांव भी शामिल है।

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इस गांव के जतरा टाना भगत ने अहिसक आंदोलन की शुरुआत गांधी युग के आगमन के पहले ही की थी। जतरा टाना भगत के अनुयायी अहिसा के पुजारी हैं। सत्य वचन बोलते हैं। शुद्ध मन और विचार के साथ जीवन जीते हैं। लेकिन शहीद जतरा टाना भगत के वंशज को ही पक्का मकान के लिए तरसना पड़ रहा है। हालांकि बीडीओ उदय कुमार सिन्हा दावा करते हैं कि शहीद जतरा टाना भगत के वंशजों के लिए भी पक्का मकान बनाने का निर्णय लिया गया है। आवास निर्माण की सूची में उनका भी नाम शामिल किया गया है।

क्या है मामला

राज्य सरकार ने अमर शहीदों की सूची में शामिल भगवान बिरसा मुंडा जतरा टाना भगत के गांव के हर घर को पक्का मकान बनाने , सभी आवश्यक बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया था। चिगरी में भी उस निर्णय को लागू किया गया लेकिन जतरा टाना भगत के परपोता विश्वा टाना भगत कहते हैं कि सरकार उनलोगों को ठगने का काम कर रही है। उनके पूर्वज के स्मारक पर बड़े बड़े नेता और मंत्री आते हैं। पूजा करते है श्रद्धा के सुमन चढ़ाते हैं। वे लोग आश्वासन देते रहे कि पहले उन्हें घर दिया जाएगा। लेकिन अन्य लोगों को आवास देने की सूची बना ली गई और उनका ही नाम छोड़ दिया गया। फिलहाल वे कच्ची मिट्टी के मकान में रहत है। घर के छत से पानी टपकते रहता है। बुधमनिया टाना भगत कहती है कि शहीद जतरा टाना भगत के नाम पर गुणगान करने वाले लोग उनकी बदहाली पर नजर नहीं डालते हैं।

ईट बालू, गिट्टी गिराने वाले संवेदकों में लगी है होड़

चिगरी गांव में बनने वाले पक्का मकान की योजना स्वीकृत होने के बाद ईट, बालू गिट्टी की आपूर्ति करने वाले लोगों में होड़ लग गई है। गांधी अनुयायियों के गांव में दबंग लोगों का मजमा लग रहा है। कौन एजेंसी घरों का निर्माण कराएगा यह बात अभी सामने नही आई है। लेकिन कमाई की आस में दबंगों की दबंगई आरंभ हो गई है। इस गांव में कुल 185 आवासों का निर्माण होना है। लाभुकों के खाते में पैसे डाले गए हैं। इसकी जानकारी मिलते ही दबंगों की सक्रियता बढ़ गई है। दलाल हावी होते जा रहे हैं। घरों का निर्माण कल्याण विभाग से होना है। लेकिन विभाग के पदाधिकारी रहस्यमय चुप्पी साधे हुए हैें।

कोट

विश्वा टाना भगत को भी शहीद आवास की सुविधा देने के लिए सूची बनाकर सरकार के पास भेजी गई है। किस कारण से उनका नाम सूची में शामिल नहीं किया गया है उसका पता लगाने का काम कर रहे हैं। विश्वा टाना भगत को हर हाल में घर दिलाया जाएगा ।

उदय कुमार सिन्हा, बीडीओ, बिशुनपुर।


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