हल्की बारिश में बह गयी 17 करोड़ से बनी नहर की दीवार
ुंदार डैम से कोयनार टोली तक 17 करोड़ रुपए की लागत से 17 किलोमीटर लंबे नहर के चल रहे पक्कीकरण कार्य की पोल रविवार को हुई वर्षा से खुल गयी।
बिशुनपुर : प्रखंड में जलपथ प्रमंडल द्वारा मुंदार डैम से कोयनार टोली तक 17 करोड़ रुपए की लागत से 17 किलोमीटर लंबे नहर के चल रहे पक्कीकरण कार्य की पोल रविवार को हुई वर्षा से खुल गयी। खेतों में पानी पहुंचाने के लिए नहर के किए जा रहे पक्कीकरण की दीवार वर्षा की जल धारा में बह गयी और जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गयी। नहर के पक्कीकरण का काम श्री साईं कृष्णा नामक कंपनी द्वारा कराया जा रहा है। कंपनी के परियोजना प्रबंधक जितेंद्र मिश्रा की देख रेख में यह कार्य चल रहा है। रविवार को हुई वर्षा से अंबाटोली के समीप नहर की पक्की दीवार न सिर्फ क्षतिग्रस्त हुई बल्कि बह गयी। दर्जनों स्थलों पर नहर की दीवार में दरार आ गयी। इस नहर के पक्कीकरण से दर्जनों गांव के खेतों में सिचाई का पानी पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कंपनी के परियोजना प्रबंधक जितेन्द्र मिश्रा का कहना है कि स्लिप वाल और बेड ढलाई चार इंच किया जा रहा है। फिर भी क्षतिग्रस्त होने के मामले पर वह चुप्पी साध ले रहे हैं। इस नहर की निगरानी का काम कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंता को करना था। लेकिन वे लोग काम देखने आते ही नहीं हैं। कंपनी द्वारा कराए जा रहे घटिया काम की शिकायत ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों से की थी। प्रखंड बीस अध्यक्ष जगत ठाकुर और सांसद प्रतिनिधि रवीन्द्र भगत ने नहर निर्माण का निरीक्षण किया था और काम रोकने के लिए कहा था। लेकिन उन लोगों की बात नहीं सुनी गयी। नहर में मिट्टी के भराव और दीवार टूटने से किसानों को सिचाई का लाभ मिलना संदिग्ध हो गया है। जिप सदस्य सावित्री देवी ने कहा कि गुणवत्ता विहीन काम से किसानों को लाभ नहीं होगा। नहर की पक्कीकरण के कार्याें की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की। प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष जगत ठाकुर ने भी कहा कि नहर निर्माण में आरंभ से अनियमितता बरती जा रही थी। संवेदक को गुणवत्तापूर्ण काम कराने को कहा गया उसने ध्यान नहीं दिया। जिससे हलकी बारिश से नहर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गयी है। मुख्यमंत्री को इस मामले से अवगत कराया जाएगा।