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मिट्टी वापस नहीं होने पर पादा पड़हा दायर करेगा लोकहित याचिका

ची के बिरसा मुंडा जेल में बनने वाले बिरसा मुंडा संग्रहालय के निर्माण के लिए गांवों के पावन मिट्टी संग्रह करने के सरकार के फैसले के विरोध में पादा पड़हा के बैनर तले सोमवार को धरना दिया गया। धरना का संचालन पूर्व मुखिया बिश्वनाथ उरांव ने किया। सरकार के द्वारा पावन मिट्टी के संग्रह के लिए जारी पत्र में सरना स्थल से मिट्टी उठाव का कोई उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद मनमानि तरीके मिट्टी का उठाव कर ले जाया गया है जो सरना परंपरा के खिलाफ है। धरना में वक्ताओं ने कहा कि रांची भेजे गए मिट्टी केा वापस करना होगा।

By JagranEdited By: Published: Mon, 21 Jan 2019 07:37 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jan 2019 07:37 PM (IST)
मिट्टी वापस नहीं होने पर पादा पड़हा दायर करेगा लोकहित याचिका
मिट्टी वापस नहीं होने पर पादा पड़हा दायर करेगा लोकहित याचिका

गुमला: रांची के बिरसा मुंडा जेल में बनने वाले बिरसा मुंडा संग्रहालय के निर्माण के लिए गांवों के पावन मिट्टी संग्रह करने के सरकार के फैसले के विरोध में पादा पड़हा के बैनर तले सोमवार को धरना दिया गया। धरना का संचालन पूर्व मुखिया विश्वनाथ उरांव ने किया। सरकार के द्वारा पावन मिट्टी के संग्रह के लिए जारी पत्र में सरना स्थल से मिट्टी उठाव का कोई उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद मनमाने तरीके मिट्टी का उठाव कर ले जाया गया है जो सरना परंपरा के खिलाफ है। धरना में वक्ताओं ने कहा कि रांची भेजे गए मिट्टी केा वापस करना होगा। नहीं तो उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर की जाएगी। धरना स्थल पर हुए सभा को फौदा उरांव, खुदी भगत दुखी, परमेश्वर भगत, विश्वनाथ उरांव, राजू उरांव, सुकरु उरांव, जयराम उरांव, सुशील उरांव, राजबेल उरांव, चुआं उरांव, जनार्दन उरांव, महावीर उरांव, नौरी उरांव, राम लोहरा ने संबंधित करते हुए सरना से ट्टिी के उठाव का विरोध किया और रांची भेजे गए मिट्टी को वापस भेजने की मांग सरकार से की। धरना देने वालों की ओर से राज्यपाल के नाम का एक ज्ञापन उपायुक्त को दिया गया। दिए गए ज्ञापन में सरना स्थल से उठाए गए पवित्र मिट्टी को वापस करने, आदिवासियों के सामाजिक, सांस्कृतिक धरोहर के साथ छेड़छाड़ नहीं करने, ग्राम सभा के अनुमति के बिना धार्मिक स्थलों के मिट्टीका उठाव नहीं करने,ग्राम प्रधानों को मिट्टी उठाव के लिए कंबल एवं मानदेय देने के प्रलोभन की जांच कराने की मांग की गई है। ज्ञापन में कहा गया है कि बिरसा मुंडा जेल के जीर्णोद्वार के लिए केवल सरना स्थल के मि9टी का उठाव क्यों किया गया। मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा की मिट्टी की आवश्यकता क्यों महसूस नहीं की गई। पांचवी अनुसूचित क्षेत्र जनजातियों के रुढि़प्रथा कस्टमरी ला का खुलेआम उल्लंघन नहीं किए जाने की भी मांग की गई है।

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