दिन में चल रहे हैं जुआ के अड्डा, अनजान है गुमला पुलिस
पुलिस की लापरवाही की वजह से शहर में एक बार फिर अपराधी सर उठाने लगे हैं। दिन दहाड़े और सरे शाम अपराध की घटनाएं होने लगी है। जिससे शांत गुमला शहर एक बार अशांत होने लगा है। अपराधियों ने गुमला पुलिस और उसके कप्तान को घटनाओं को अंजाम देकर चुनौती देना आरंभ कर दिया है। सिसई रोड के भट्टी तालाब के निकट अवैध करोबार महीने पूर्व से होते आ रहा है। इस बात की चर्चा होती रही लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगी। मो. सद्?दाम हुसैन नामक 24 वर्षीय युवक की दिन दहाड़े हुई हत्या के
गुमला: पुलिस की लापरवाही की वजह से शहर में एक बार फिर अपराधी सर उठाने लगे हैं। दिन दहाड़े और सरे शाम अपराध की घटनाएं होने लगी है। जिससे शांत गुमला शहर एक बार अशांत होने लगा है। अपराधियों ने गुमला पुलिस और उसके कप्तान को घटनाओं को अंजाम देकर चुनौती देना आरंभ कर दिया है। सिसई रोड के भट्टी तालाब के निकट अवैध करोबार महीने पूर्व से होते आ रहा है। इस बात की चर्चा होती रही लेकिन पुलिस को भनक नहीं लगी। मो. सद्दाम हुसैन की दिन दहाड़े हुई हत्या के बाद लोग यह कहते सुने गए कि यहां संभ्रांत लोगों का रहना और जीना मुश्किल हो रहा है। पुलिस को सूचना भी दी जाती है तो कार्रवाई नहीं करती। गुमला शहर एवं आस पास के कई ऐसे इलाके हैं जहां पर अवैध रुप से जुआ खेले जाते हैं। पुलिस का पीसीआर वैन मुख्य मार्ग से गलियों में नहीं जाती है। अगर जाती भी है तो कोई कार्रवाई नहीं करती। अपराधियों का खौफ इस कदर लोगों पर दिख रहा है कि लोग अपराधियों के खिलाफ मुंह खोलने को तैयार नहीं है। 13 जनवरी की शाम में दो कुख्यात अपराधियों ने शहर के एक होटल में कुछ सामान लिया और पैसा देने से इंकार कर दिया। पैसा मांगने पर अपराधी ने सरेशाम चाकू निकालकर हमला कर दिया यह संयोग था कि चाकू का वार विफल रहा। यह बात और कोई नहीं गुमला के थाना प्रभारी राकेश कुमार स्वयं के द्वारा दर्ज किए गए प्राथमिकी में स्वीकार की है। अपराधियों के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा, चंदन वर्मा नामक अपराधी की लोगों ने जमकर पिटाई कर दी। पुलिस ने घायलावस्था में उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया। उसके बाद उसे हिरासत में ले लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि रंगदारी और चाकूबाजी की घटना के बाद भाग रहे अपराधियों को लोगों ने पीछा कर पकड़ लिया था। थाना प्रभारी दर्ज प्राथमिकी में यह भी स्वीकार करते हैं कि जिस होटल में अपराधियों ने रंगदारी की घटना को अंजाम दिया था उसका संचालक प्राथमिकी दर्ज कराने से कतराता रहा। संचालक को भय था कि प्राथमिकी दर्ज कराने से व्यापार करना उसके लिए मुश्किल होगा। थाना प्रभारी यह स्वीकार करते हैं कि गिरफ्तार किए गए अपराधी हत्या एवं संगीन अपराधों में जेल जा चुके थे। व्यवसाय के द्वारा भयवश प्राथमिकी दर्ज नहीं कराए जाने के कारण उन्हें खुद प्राथमिकी दर्ज करनी पड़ी। पुलिस ने दोनों को जेल भेज दिया।