आस्था व विश्वास के साथ मनाया गया गुरुगो¨वद ¨सह की जयंती
सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरुगो¨बद ¨सह की 352 वीं जयंती सिक्ख संगत ने प्रकाश पर्व के रूप में मनाया। पालकोट रोड स्थित गुरु ¨सह गुरद्वारा में गुमला की सिक्ख संगत द्वारा रविवार को विशेष दीवान का आयोजन किया गया। सहज पाठ, शबद गायन और भजन कीर्तन में सिक्ख समुदाय के लोगों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस दौरान वाह वाह गो¨बद ¨सह आप गुरु चेला और बोले सो निहाल सत श्री अकाल के नारे गूंज रहे थे। गुरुद्वारा में अरदास का आयोजन किया गया। गुरु गो¨बद ¨सह फाउंडेशन की ओर से सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी गई। समाज के प्रधान महेन्द्र ¨सह ने गुरु गो¨वद ¨सह के जीवन दर्शन पर प्रकाश डा
गुमला : सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरुगो¨बद ¨सह की 352वां जयंती सिक्ख संगत ने प्रकाश पर्व के रूप में मनाया। पालकोट रोड स्थित गुरु ¨सह गुरद्वारा में गुमला की सिक्ख संगत द्वारा रविवार को विशेष दीवान का आयोजन किया गया। सहज पाठ, शबद गायन और भजन कीर्तन में सिक्ख समुदाय के लोगों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया। इस दौरान वाह वाह गोविंद ¨सह आप गुरु चेला और बोले सो निहाल सत श्री अकाल के नारे गूंज रहे थे। गुरुद्वारा में अरदास का आयोजन किया गया। गुरु गो¨बद ¨सह फाउंडेशन की ओर से सभी श्रद्धालुओं को बधाई दी गई। समाज के प्रधान महेन्द्र ¨सह ने गुरु गो¨वद ¨सह के जीवन दर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु गो¨वद ¨सह सिक्खों के दसवें गुरु थे। उनके पिता गुरू तेग बहादुर की मृत्यु के बाद 11 नवम्बर 1675 को वे गुरू बने। वे एक महान योद्धा, कवि, भक्त एवं आध्यात्मिक विचार के व्यक्ति थे। सन 1699 में बैसाखी के दिन उन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की। यह सिक्ख समुदाय के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। गुरु गो¨वद ¨सह के नेतृत्व में सिख समुदाय के इतिहास में बहुत कुछ नया बदलाव हुआ थ। गुरु गो¨वद ¨सह की जयंती पर गुरूद्वारा में लंगर का आयोजन किया गया। जिसमे सभी समाज के लोगों ने जाति धर्म से ऊपर एक पात में सामूहिक प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम में समाज के प्रधान महेंद्र ¨सह, वार्ड पार्षद हरजीत ¨सह, फाउंडेशन के अध्यक्ष जसबीर ¨सह, सचिव गगनदीप ¨सह, उपाध्यक्ष गुरमीत ¨सह, दिलदार ¨सह, प्रीतपाल ¨सह, नरेंद्रपाल ¨सह, गुर¨वदर ¨सह, गुरजीत ¨सह, प्रीतम ¨सह, सुरेंद्र ¨सह, नरेंद्र ¨सह, र¨जदर कौर, रविन्द्र कौर, जसवंत कौर कवलजीत कौर, इंद्रजीत कौर, इंदु कौर, नेहा, ऋचा, खुशबू चंचल कौर आदि उपस्थित थे।