दीपों से जगमगाया शहर-गांव, पूरी रात हुई आतिशबाजी
दीपों का पर्व दीपावली बुधवार की शाम में गुमला शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीप मालाओं की लरियों से पूरा शहर जगमगा उठा। गली-गली मुहल्ला-मुहल्ला और सड़कों पर बने इमारतों से लेकर झोपड़ियों को भी दीपों से सजाया गया था। दीप जगमगा रहे थे और बच्चे आतिशबाजी कर अपनी खुशियों का इजहार कर रहे थे। चारों ओर गूंजते आतिशबाजी से खुशियों का फब्बारा फूट रहा था। हर घरों में स्वदेश का प्रेम भी उमड़ रहा था। प्राय: लोगों ने मिट्टी से बने दिये को जलाकर दीपावली मनायी। हां, बड़े-बड़े महलों को रंगीन रोशनी के बल्ब के लरियों से सजाया गया था। छत जहां बिजली के विभिन्न रंगों से जमगम हो रहे थे
गुमला : दीपों का पर्व दीपावली बुधवार की शाम में गुमला शहर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। दीप मालाओं की लरियों से पूरा शहर जगमगा उठा। गली-गली मुहल्ला-मुहल्ला और सड़कों पर बने इमारतों से लेकर झोपड़ियों को भी दीपों से सजाया गया था। दीप जगमगा रहे थे और बच्चे आतिशबाजी कर अपनी खुशियों का इजहार कर रहे थे। चारों ओर गूंजते आतिशबाजी से खुशियों का फव्वारा फूट रहा था। हर घरों में स्वदेश का प्रेम भी उमड़ रहा था। प्राय: लोगों ने मिट्टी से बने दिये को जलाकर दीपावली मनायी। घर का कोई भी भाग अंधेरा में नहीं दिख रहा था। शाम पौने छह बजे से लोगों ने मिट्टी के दियों को जलाने से पहले देवस्थालों में जाकर पूजा-अर्चना की। तमसोमा ज्योर्तिग्मय का भाव प्रकट करते हुए देवी देवताओं को दीप अर्पित किया। धन और वैभव की कामना के साथ आने वाले साल के सुखमय और कल्याणमय होने की मौन कामना की गई। पालकोट रोड के शक्तिसंघ मंदिर, घाटो बगीचा के महावीर मंदिर, एसएस स्कूल रोड के देवी मंदिर, जशपुर रोड में काली मंदिर, लोहरदगा रोड में गोपाल मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी लोगों ने दीप दान कर घरों में खुशी के दिये जलाए। मेन रोड, जशपुर रोड, लोहरदगा रोड, थारा रोड, सिसई रोड, पालकोट रोड के व्यवसायिक प्रतिष्ठानों को विशेष रूप से सजाया गया था। नेम और निष्ठा का पालन किया गया था। घरों के द्वारों पर कमल के फूल सजाए थे। अन्य फूलों से भी घर के द्वार एवं अन्य हिस्सों को सजाया गया था। सजावट में आकर्षण था। सुंदरता थी और मनमोहक दृश्य भी नजर आ रहे थे। हरे-हरे केले के पेड़ों से बनाए गए तोरण द्वार में बांस के बत्ता पर दीपों को सजाया गया था। यह नजारा बहुत ही मनभावन था। शाम से ही बच्चों की किलकारियां हो रही आतिशबाजी के साथ गूंज रही थी। शहर का कोई ऐसा कोना नहीं था जहां आतिशबाजी नहीं हो रही थी। ऐसा भी महसूस हो रहा था कि एक मुहल्ले के लोग दूसरे मुहल्ले वालों को मात देने की प्रतियोगिता में शामिल हो गए थे। रात भर हुई आतिशबाजी से सड़कों पर पटाखों के टुकड़े बिखरे पड़े हुए थे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया गया। जमकर आतिशबाजी की गई। घरों को साफ सुथरा कर प्रकाश की लरियों से सजाया गया और घर में दिये जलाए गए। मां लक्ष्मी और गणेश की विशेष रूप से पूजा की गई। व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में मुहूर्त के मुताबिक पूजा अर्चना हुई। चैनपुर, डुमरी, रायडीह, जारी, पालकोट, सिसई, बसिया, कामडारा, बिशुनपुर, घाघरा प्रखंड मुख्यालयों के गांवों में दीपावली का पर्व और गणेश लक्ष्मी की पूजा की गई। गांवों में भी आतिशबाजी किए गए। हंसी खुशी के साथ दीपावली का पर्व संपन्न हो गया।
भाग अजमा कर जुआ से भविष्य का लगाया अनुमान
गुमला शहर एवं आस पास के क्षेत्रों में सदियों पुरानी चली आ रही परंपरा का लोगों ने पालन किया। भविष्य का अनुमान लगाने के लिए लोगों ने जुआ खेला। हर गली मुहल्लों में जुआ के अड्डे जमे हुए थे। लेकिन पुलिस को भनक तक नहीं लगी। कारण यह था कि कई पुलिस वाले सफेद वाहन में घूम रहे थे और जुओं के अड्डों से लक्ष्मी के आने का इंतजार भी कर रहे थे। दीपावली की रात में पालकोट और घाटो बगीचा के आस पास के क्षेत्र में सादे लिबास में पुलिस कर्मी घुमते नजर जरूर आए लेकिन उन्हें जुआ का अड्डा नजर नहीं आया। कई पुलिस कर्मी यह कहते सुने गए कि आज का दिन विशेष है जाने दो खेलने दो। कुछ को पकड़ लेने से लोग मानेंगे नहीं। पुलिस का पीसीआर मुख्य सड़कों पर दौड़ता रहा। कई लोगों के भाग्य चमके तो कई लोगों के हार से निराशा हाथ लगे। हर गली मुहल्ले में और आस पास के गांवों में भी लाखों रुपये के जुए खेले गए।