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इजराइल के पैटर्न पर कृषि को बढ़ावा देने के लिए चलेगा अभियान : उपायुक्त

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By JagranEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 09:33 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 09:33 PM (IST)
इजराइल के पैटर्न पर कृषि को बढ़ावा देने के लिए चलेगा अभियान : उपायुक्त
इजराइल के पैटर्न पर कृषि को बढ़ावा देने के लिए चलेगा अभियान : उपायुक्त

गुमला : किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से इजराइल की कृषि प्रणाली को गुमला जिला में भी अपनाने का काम किया जाएगा। इजराइल से लौटने के बाद मंगलवार को अपने कार्यालय कक्ष में दैनिक जागरण से बातचीत करते हुए उपायुक्त ने उक्त बातें कहीं। कहा कि भारत और इजाराइल के कृषि प्रणाली में जो सबसे बड़ा अंतर देखने को मिला वह यह कि उत्पादकता बढ़ाने के लिए वहां तकनीक का सर्वाधिक उपयोग किया जाता है। उत्पादकता के साथ गुणवत्ता का भी ख्याल रखा जाता है। कम लागत को प्राथमिकता दी जाती है। उत्पादों का ब्रां¨डग किया जाता है और उसका मूल्य वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी कृषि के आधुनिक तकनीक का इजाद जरूर हुआ है लेकिन उसे किसानों को अपनाने या स्वीकृति देने का काम पूरी तरह नहीं किया गया है। कृषि यंत्र टपक ¨सचाई का अधिकतम उपयोग नहीं किया जा रहा है। वहां पौधे की ¨सचाई होती है खेतों की नहीं। फल फूल के पौधों की ¨सचाई की जाती है जिससे पानी की बचत होती है। हमें भी पानी को बचाने और अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए किसानों को प्रेरित करनी होगी। इस क्षेत्र में हमें अधिक काम करना होगा। वहां सामूहिक या सामुदायिक कृषि प्रणाली बहुत ही अच्छी है। कृषि कार्य में पर्यावरण को नियंत्रित करने की पूरी व्यवस्था है। ग्रीन हाउस और तापमापी यंत्र लगाकर कृषि के अनुकूल पर्यावरण तैयार किया जाता है। मजदूरों का खर्च बचाने के लिए पूर्ण यंत्रीकरण किया गया है। बुआई से कटाई और मिसाई भी मशीनों से ही किया जाता है। पौधे भी मशीन से ही लगाए जाते हैं। एक अच्छी बात यह देखने को मिली का वहां प्लास्टिक युक्त टैंक बनाकर जहां पानी जमा किया जाता है उसी में प्रवाहित पानी की व्यवस्था कर मत्स्य पालन की व्यवस्था की जाती है। वहां फल और फूलों का बारहों माह उत्पादन होता है। वहां दुर्लभ फूलों की बड़े पैमाने पर खेती की जाती है। वहां के किसान जागरूक है। फाम हाउस और कार्यालय बनाकर उत्पादों को बाजारों में उतारा जाता है। यूरोप के देशों में उत्पादों का निर्यात किया जाता है। इजराइल की तरह गुमला में भी कृषि विकास के लिए किसानों को जहां जागरूक किया जाएगा वहीं तकनीक आधारित पायलट प्रोजेक्ट बनाए जाएंगे। इस जिले से दो किसान वहां गए थे उनके माध्यम से तकनीक आधारित कृषि की जानकारी देने की कोशिश की जाएगी। व्यवसायिक कृ़षि को बढ़ावा दिया जाएगा।

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