हाथियों के हमले से युवक की मौत पर भड़का आक्रोश
भरनो : पूर्व से वन विभाग को सूचना होने के बावजूद जंगली हाथियों को अमलिया जंगल से नहीं भगाए जा
भरनो : पूर्व से वन विभाग को सूचना होने के बावजूद जंगली हाथियों को अमलिया जंगल से नहीं भगाए जाने के कारण रायकेरा बांध डीपा गांव में जंगली हाथियों ने रविवार की रात में मुस्तकिम अंसारी के 19 वर्षीय पुत्र रसीद अंसारी को पटक-पटक कर व कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। इस घटना के विरोध में भरनो के लोगों ने भरनो ब्लाक चौक के समीप एनएच 23 को सोमवार की सुबह आठ बजे जाम कर दिया। ढाई घंटे तक जाम रहने से मुख्य पथ पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। दोनों तरफ यात्री बसें, छोटे वाहन व मालवाहक वाहनों की कतार तीन किलोमीटर से अधिक लंबी हो गई। गुमला और रांची जिला के विभिन्न प्रखंडों के स्कूलों, सरकारी कार्यालयों और स्वास्थ्य केन्द्रों में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारी जाम में फंस गए। लोग अपने ड्यूटी पर जाने के लिए व्याकुल हो रहे थे। कुछ लोगों ने अपने परिचित लोगों के बाइक से बुलाने के लिए फोन भी करने लगे। लेकिन जाम कर रहे लोग किसी भी वाहन को गुजरने की अनुमति नहीं दे रहे थे। बीच सड़क पर टायर जलाकर छोड़ दिया गया था। ट्रक जाम करने वाले लोग वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। हाथी द्वारा कुचले जाने से युवक की हुई मौत की खबर पाकर जाम स्थल पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता भी पहुंचे थे। जिला भाजपा के अध्यक्ष सविन्द्र कुमार ¨सह, प्रखंड बीस सूत्री अध्यक्ष अनिल गुप्ता, सांसद प्रतिनिधि मुन्ना शाही आदि जाम स्थल पर पहुंचे। जाम करने वाले लोग उनकी बात मानने को तैयार नहीं हुए। हालांकि भाजपा नेता ने लोगों को समझाने बुझाने का हर संभव प्रयास किया। सड़क जाम करने वाले लोगों ने डीएफओ को जाम स्थल पर बुलाने की मांग कर रहे थे। झामुमो नेता जिगा मुंडा और पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव भी जाम स्थल पर पहुंचे। इन दोनों नेताओं ने सड़क जाम कर रहे लोगों को समझाया बुझाया और हाथी के कुचले जाने पर मृतक के परिजनों को मिलने वाले चार लाख का मुआवजा दिलवाने का भरोसा दिलाया। वन विभाग के रेंजर जोन रोबर्ट तिर्की और वनपाल घनश्याम चौरसिया ने मृतक के परिजनों को तीस हजार रुपये का तत्काल मुआवजा दिया और शेष राशि विभागीय प्रावधान के अनुसार दिए जाने की घोषणा की। पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने सड़क जाम के संबंध में उपायुक्त शशिरंजन से मोबाइल पर बातचीत की। उन्होंने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि गलती वन विभाग की हो और खामियाजा ग्रामीण भुगते यह बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। लोग अपने खेती बारी की सुरक्षा के लिए जाएं और हाथी कुचल कर मार दें तो दोष वन विभाग का है या गांव वाले का। उन्होंने कहा कि वन विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। सुरक्षा मुहैया कराने की बात कही जाती है लेकिन इस पर काम नहीं होता है। अब आश्वासन पर काम चलने वाला नहीं है। उपायुक्त ने सुरक्षा की व्यवस्था करने का आश्वासन दिया तब गीताश्री उरांव के कहने पर परिवार वालों ने मुआवजा लेना कबूल किया। रेंजर ने शेष तीन लाख सत्तर हजार 21 दिन के बाद भुगतान करने, हाथियों द्वारा फसंलों को बर्बाद करने वाले किसानों को मुआवजा देने की घोषणा की तब जाकर ग्रामीण ढाई घंटे बाद सड़क जाम हटाने पर सहमत हुए। वन विभाग की ओर से वनपाल लखेन्द्र सोलंकी, वनरक्षी जयनाथ चौधरी, मंगल उरांव, राकेश मिश्रा, शनिल राम, अकिल अहमद, नवल किशोर, पुनील उरांव, एंथोनी लकड़ा आदि उपस्थित थे।