ग्राम विकास समिति में भी सदानों का अध्यक्ष व सचिव बनना हुआ मुश्किल
गुमला : कमीशनखोरी पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गांव की जरूरी योजनाओं का चयन स
गुमला : कमीशनखोरी पर लगाम लगाने के लिए राज्य सरकार द्वारा गांव की जरूरी योजनाओं का चयन से लेकर क्रियान्वयन तक के लिए गठित होने वाली ग्राम विकास समिति में अध्यक्ष और सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों से भी सदान वंचित किए जा रहे हैं। ऐसा सरकार के मार्गदर्शन के कारण हो रहा है। मालूम हो कि गांवों के विकास के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने वैसे पंचायतों में आदिवासी ग्राम विकास समिति गठित करने का आदेश दिया दिया है जहां 50 फीसद से अधिक परिवार निवास करते हैं और उन पंचायतों में ग्राम विकास समिति का गठन करने का आदेश है जहां 50 फीसद से कम अनुसूचित जनजाति का वास है। अधिकारियों ने सरकारी मार्गदर्शन का अध्ययन किए ही ग्राम विकास समिति के गठन की प्रक्रिया आरंभ कर दिया जिस कारण सदान अध्यक्ष और सचिव बनाए गए उन्हें हटाने का काम किया जा रहा है जिससे सदानों में आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में पिछले दिनों भाजपा से जुड़े नेताओं ने उपायुक्त से मुलाकात कर बनाए अध्यक्ष सचिव को पद पर रहने देने का आग्रह किया। लेकिन उपायुक्त ने सरकार के गाइड लाइन के अनुसार जिस पंचायत में आदिवासी नहीं है वहां अनुसूचित जाति से पद भरने का निर्देश प्राप्त है। यदि एससी परिवार नहीं है तो एससी की अन्य जाति परिवार के सदस्यों को अध्यक्ष और सचिव बनाना है।