कृष्णा गोप के पीछे सादे लिबास में आधे घंटे से पड़े हुए थे पुलिस के जवान
गुमला : पीएलएफआइ के एरिया कमांडर और आतंक का पर्याय बना कृष्णा गोप के पीछे सादे लिबास म
गुमला : पीएलएफआइ के एरिया कमांडर और आतंक का पर्याय बना कृष्णा गोप के पीछे सादे लिबास में तकनीकी सेल के जवान शाम चार बजे से ही हाथ धोकर पड़े हुए थे। एसपी कार्यालय के तकनीकी शाखा में काम कर रहे जवान 13 सितंबर को अपराह्न चार बजे सादे लिबास में बोंडेकेरा गांव में भ्रमण कर रहे थे। भ्रमण के दौरान कृष्णा गोप के उसी गांव में इधर उधर घूमने की जानकारी मिली थी। पुलिस के जवानों ने इस बात की जानकारी आरक्षी अधीक्षक एवं बसिया के थाना प्रभारी को अवगत कराया था। जवान शाम ढलने और अंधेरा होने का इंतजार कर रहे थे। समीर टोप्पो, पवन कुमार यादव, राजेश कुमार, प्रकाश तिग्गा, विनय केरकेट्टा, पवन बीर महतो, वीरेन्द्र यादव अलग-अलग होकर सावधानी बरतते हुए कृष्णा गोप के गतिविधि पर नजर डाले हुए थे। रात के दस बजे पैदल ही अतिरिक्त जवान बनायी गई पुलिस योजना के तहत बोंडेकेरा गांव के लिए प्रस्थान किए थे। सभी लोग महराजगंज गांव में पहुंच गए थे। महराज गंज से अलग-अलग टुकड़ी में पैदल ही पुलिस के जवान बोंडेकेरा गांव की ओर बढ़े थे। पता चला था कि कृष्णा गोप अपने सहयोगियों के साथ तेतरटोली के सुनील टोप्पो के खेत में बने झोपड़ी में सोने वाला है। उसके बाद जवान तीन ओर से उस ओर बढ़ने लगे। कृष्णा एवं उसके साथियों के आने का इंतजार करने लगे। लगभग 12 बजे झोपड़ी की ओर मोबाइल की रोशनी में कुछ लोग जाते हुए दिखाई पड़े। पुलिस का दल उस ओर कदम बढ़ाने लगा। पुलिस के एक जवान द्वारा टार्च जलाए जाने पर कृष्णा गोप ने पिस्तौल तान लिया और फाय¨रग करने के पोजीशन में आने वाला ही था कि संदीप नामक जवान उछल कर उसे झपटा मारा। तक तक वह गोली चला दिया और संदीप ने उसके हाथ को यदि नहीं मोड़ा होता तो मारा भी जाता। कृष्णा की गोली उसके दाहिने कनपट्टी में लगी और वहीं वह ढेर हो गया। उसका साथ ओम प्रकाश पाठक भागने लगा जिसे खदेड़ कर पकड़ा गया। ओम प्रकाश ने ही बताया कि मारा गया व्यक्ति एरिया कमांडर कृष्णा गोप है। पकड़े गए व्यक्ति से एक पिस्तौल बरामद किया गया। कृष्णा के मारे जाने के बाद पुलिस ने उसके पास से दो पिस्तौल बरामद किया। सहायक अवर निरीक्षक बबलू बेसरा के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। तिलकेश्वर और याकुब भी हैं पुलिस के निशाने पर :एसपी
गुमला के आरक्षी अधीक्षक अंशुमान कुमार ने बताया कि जिस दिन कृष्णा गोप पुलिस के साथ मुठभेड़ करते हुए मारा गया उस दिन वह पीएलएफआइ के दुर्दांत नक्सली याकूब केरकेट्टा और तिलकेश्वर गोप से मिला था। तिलकेश्वर गोप खूंटी के कर्रा थाना का रहने वाला है। उन लोगों ने आपस में मिलकर बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बनायी थी। एसपी ने बताया कि पुलिस के जवान सूचना संकलन करने में जुटे हुए हैं। तिलकेश्वर गोप का बसिया और कामडारा में हमेशा आना जाना होता है। उत्तरी बसिया प्रखंड के आधा दर्जन पंचायत में तिलकेश्वर और याकुब जहां विकास की योजनाओं को बाधित कर लेवी वसूलने का काम करते हैं वहीं मजदूरों और मुंशी को निशाना बनाते हैं। विधि व्यवस्था को भंग करते हैं। एसपी ने कहा कि यदि वे दोनों पुलिस के समक्ष आत्मसर्पण नहीं करेंगे तो उन दोनों का भी हाल कृष्णा गोप की तरह ही होगा। पीएलएफआइ की कमर टूट चुकी है। संगठन में शामिल होने के लिए युवा वर्ग तैयार नहीं है। पीएलएफआई का दस्ता की गतिविधियों की आ सूचनाएं लगातार पुलिस को मिल रही है। उनके गतिविधियों का इनपुट संग्रह किया जा रहा है।