हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा और यही है सर्वमान्य भाषा
गुमला : हिन्दी व नागपुरी साहित्यकार अजय किशोर नाथ पांडेय का कहना है कि ¨हदी हमारी रा
गुमला : हिन्दी व नागपुरी साहित्यकार अजय किशोर नाथ पांडेय का कहना है कि ¨हदी हमारी राष्ट्रभाषा है और हिन्दी ही सर्वमान्य भाषा है। ¨हदी का बोलचाल के साथ-साथ लेखन, कार्यालय कार्य एवं अन्य सूचनाओं का आदान प्रदान में ¨हदी का प्रयोग राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देता है। ¨हदी ही एक मात्र विषय है जिससे जातीय भेद भाव को दूर करता है। राष्ट्रीय स्तर पर लोगों के बीच अपनत्व का भाव पैदा करता है। शिक्षक नवीन चन्द्र झा ने कि वर्तमान परिपेक्ष्य में ¨हदी दिवस मनाना अनिवार्य हो गया है। ¨हदी को राजभाषा के रूप में 1949 को स्वीकार किया है। वर्तमान संवाद प्रेषण के नवीनतम माध्यमों यथा वाट्सअप,फेसबुक,ट्वीटर, इंस्टाग्राम आदि के इस दौर में ¨हदी को अपने प्रतिद्वंद्वी भाषा अंग्रेजी से कड़ी प्रतिस्पर्धा है। तकनीकी शिक्षा में अंग्रेजी का महत्व किसी से छिपा नहीं है। ऐसी परिस्थिति में हिन्दी दिवस का आयोजन और भी प्रांसागिक हो जाता है। डीएवी स्कूल के प्राचार्य डीके महतो ने कहा है कि ¨हदी देश की बहुत ही समृद्ध भाषा है। हम टिप्पणी, कविता, निबंध, कहानी आदि विधाओं में रचना कर इसे और भी अधिक समृद्ध बना सकते हैं। नेहरु युवा केन्द्र के जिला समन्वयक राजा गुप्ता ने कहा कि देश की एकता के लिए राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देना जरूरी है। हिन्दी हमारी मातृभाषा है मात्र भाषा नहीं। इसलिए हिन्दी को बोल चाल की भाषा के रूप में प्रयोग करना चाहिए। गुरूकूल के निदेशक रवीन्द्र सिन्हा का कहना है कि प्रतिस्पर्धा के इस युग में हिन्दी भाषा के जगह लोग अंग्रेजी को महत्व दे रहे हैं लेकिन यह हमारी संस्कृति सभ्यता पर कुठाराघात है। भारत देश को विश्व पटल पर बनाए रखने के लिए हिन्दी का प्रयोग वैश्विक स्तर पर प्रयोग करना चाहिए। शिक्षक मो.जलील कहते हैं मार्डन युग के कारण हिन्दी को काफी नुकसान हुआ है। इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए समाज के हर व्यक्ति को हिन्दी के महत्व को समझना होगा। आम तौर पर इसका प्रयोग करना होगा।