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एक मुश्त किराया जमा करने से दुकानदारों ने उठाया हाथ

,गुमला : नगर परिषद द्वारा बस पड़ाव के भीतर आवंटित दुकानों के किराया एक मुश्त जमा करने

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Sep 2018 08:46 PM (IST)Updated: Wed, 12 Sep 2018 08:46 PM (IST)
एक मुश्त किराया जमा करने से दुकानदारों ने उठाया हाथ
एक मुश्त किराया जमा करने से दुकानदारों ने उठाया हाथ

,गुमला : नगर परिषद द्वारा बस पड़ाव के भीतर आवंटित दुकानों के किराया एक मुश्त जमा करने में दुकानदारों ने अपनी असमर्थता जाहिर की। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दुकानदारों का दल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश कुमार चीनी के नेतृत्व में बुधवार को कार्यपालक पदाधिकारी रामाशंकर राम और उनके सहयोगियों से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान कार्यपालक पदाधिकारी और कांग्रेस नेता के बीच हॉट टॉक हुआ। गरमा बरम बहस में एक दूसरे को चुप रहने की हिदायत भी दी। देख लेने की धमकी भी दी गई। इस कारण माहौल गर्म हो गया। दुकानदार और नगर परिषद कर्मी तमाशबीन बनकर द्विपक्षीय बहस सुनते रहे। दुकानदारों की शिकायत

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दुकानदारों की ओर से सात सूत्री मांग पत्र कार्यपालक पदाधिकारी को दिया गया। दुकानदारों की मूल शिकायत यह थी कि वर्ष 2010 में 46 हजार रुपये प्रति दुकान की दर से जमानत राशि लेकर दुकानें आवंटित की गई थी। लेकिन दुकानों की चाभी वर्ष 2011 में सौंपते समय यह कहा गया था कि जिस दिन से दुकान की चाभी सौंपी गई है उसी दिन से किराया जमा करना होगा। दुकानदारों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि नगर परिषद कार्यालय में कोई लेखा जोखा उपलब्ध नहीं है। वर्ष 2011 के बाद जमा किराए को दर्शाया नहीं जा रहा है। हाल ही में किराए वसूली के लिए भेजे गए नोटिस में उसे घटाया नहीं गया है। दुकानदारों ने 12 प्रतिशत ब्याज के साथ किराया जमा कराए जाने को लेकर सवाल उठाए। दुकानदारों का कहना था कि इतना अधिक व्याज तो बैंक भी नहीं लेता है। वर्ष 2013 में भी किराए वसूलने के लिए नोटिस दिया गया था। उसके बाद पांच साल बाद किराया वसूलने के लिए नप की नींद टूटी है। दुकानदारों की शिकायत यह भी थी कि उन्हें किसी तरह की सुविधा नहीं दी जा रही है। दुकानें जर्जर हो गई है। कभी भी गिर सकता है।

बहस के बाद हुआ समझौता

कांग्रेस नेता रमेश कुमार चीनी और कार्यपालक पदाधिकारी के बहस के बाद यह तय किया गया कि दुकानदार तीस सितंबर से पहले बकाए किराए का तीस प्रतिशत राशि जमा कर देंगे। और शेष बकाए राशि को तीन-तीन माह के अंतराल पर 20 और 30 प्रतिशत की दर से चुकाएंगे। नोटिस में अंकित ब्याज दर को माफ करने के लिए नप की बोर्ड में प्रस्ताव रखा जाएगा। वार्ता में अशोक कुमार गुप्ता, मनोज कुमार, सांसद प्रतिनिधि रामनिवास प्रसाद, अकिल रहमान, रवि कुमार, राजेश गुप्ता, हरिओम राम, विजय कुमार आदि मौजूद थे।


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