सरकार ने नहीं दिया पैसा, बिन चौड़ीकरण के बन गईं सड़कें
गुमला : नक्सल प्रभावित गुमला में पैसे के अभाव में गुमला की कोई दो दर्जन सड़कों या पथांश के
गुमला : नक्सल प्रभावित गुमला में पैसे के अभाव में गुमला की कोई दो दर्जन सड़कों या पथांश के चौड़ीकरण नहीं हो पा रहा है। पथ निर्माण विभाग ने सड़कों के चौड़ीकरण का खुद निर्णय किया था मगर पैसा देने की बारी आई तो खामोश हो गया। पैसे नहीं दिए जाने के कारण बिना चौड़ीकरण के ही कई सड़कें बना दी गई हैं। बीते तीन सालों में सिर्फ एक ही सड़क की चौड़ीकरण के लिए चार करोड़ रुपये दिए गए। गुमला से निकलने वाली स्टेट हाईवे की सड़कें लातेहार, खूंटी, लोहरदगा, सिमडेगा को जोड़ने वाली हैं। चौड़ी सड़कों के महत्व को समझा जा सकता है। नक्सल प्रभावित इलाकों से गुजरने वाली इन सड़कों का महत्व और भी बड़ जाता है। भूमि अधिग्रहण आसान नहीं है ऐसे में सरकार की खामोशी समझ से परे है।
जिला भू-अर्जन कार्यालय गुमला ने सड़कों की चौड़ीकरण और मजबूतीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण का प्रस्ताव पथ निर्माण विभाग को भेजा था। कुल 21 सड़कों के चौड़ीकरण का निर्णय राज्य सरकार के पथ प्रमंडल विभाग द्वारा पिछले तीन वर्षों में लिया जा चुका है। इनमें से सिर्फ सिसई, लापुंग डोरमा पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण हेतु चार करोड़ रुपये भू-अर्जन कार्यालय को दिया है। जिला भू अर्जन पदाधिकारी अंजना दास ने राशि मिलने की पुष्टि की है। लेकिन अन्य बीस सड़कों के सवाल पर विभाग खामोश है। इन सड़कों में माझाटोली से महुआडाड़ की सड़क गुमला- लातेहार को, सिसई- डोरमा पथ गुमला-खूंटी को, भरनो- चट्टी पथ गुमला-लोहरदगा को , इसी तरह गुमला- सिमडेगा को जोड़ने वाली सड़क भी शामिल है। इन सड़कों के चौड़ीकरण के लिए करीब 160 करोड़ रुपये की दरकार भूमि अधिग्रहण के लिए है।
बिना चौड़ीकरण बन गई सड़कें
बाकूटोली कुरकुरा बानो पथ , डुमरी गो¨वदपुर पथ, पोकला रेलवे स्टेशन कुमारी पथ में जोलो घाट से टैंसेरा तक के प्रथम फेज का निर्माण बिना चौड़ीकरण के ही हो चुका है। किस सड़क के लिए कितनी जरूरत
पालकोट नाथपुर कोनबीर पथ के चौड़ीकरण के लिए भूमि अधिग्रहण के मुआवजा राशि 8. 95 करोड़, कामडारा-बेड़ो के लिए 16. 82 करोड़, मांझाटोली- चैनपुर- डुमरी महुआडांड़ पथ के लिए 2.32 करोड़ , सिसई लापूंग डोड़मा पथ के लिए चार करोड़, टोटो-आंजन पथ के लिए 6.95 करोड़, बनारी जोरी बनालात पथ के लिए 3.23 करोड़, भरनो ब्लाक चौक से चट्टी लोहरदगा पथ के लिए 5.09 करोड़ , नाथपुर भरदा टुकूटोली बघिमा पथ 12.30 करोड़, कुटोली कुरकुरा पथ के लिए 18 करोड़, पूसो- कोरांबे पथ 3.23 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण की खातिर चाहिए। इसी तरह डुमरी- गो¨वदपुर पथ के लिए 8.43 करोड़, सिसई- भंडरा पथ के लिए 8.30 करोड़, पुत्रीटोली रामपुर बोरोसेता जीतुटोली बराईरगी पथ के लिए एक करोड़ 62 लाख, माझाटोली बिरकेरा कोंडरा पथ के के लिए सात करोड़ 42 लाख, पोकला कुम्हारी पथ के लिए नौ करोड़ 79 लाख, कुम्हारी झटनी टोली पथ के लिए 11 करोड़ दो लाख, सिसई घाघरा भाया सहिजाना कोड़ेदाग कुरगी पथ के लिए 14. 99 करोड़, छारदा पूसो पथ के लिए 8.41 करोड़, कोंसा बकसपुर गो¨वदपुर कर्रा पथ के लिए 59 लाख, पालकोट रोकेडेगा बि¨लगबिरा पथ के लिए 5.55 करोड़ , पालकोट डोबडोबी पथ के लिए 3.92 करोड़, भीखमपुर जारी पथ के लिए 8.81 करोड़ रुपये अधिग्रहित भूमि के लिए बतौर मुआवजा दिया जाना है। जिला भूमि अर्जन कार्यालय से भूमि अधिग्रहण के लिए अनुमानित राशि की मांग की। मगर पैसे के अभाव में भूमि अधिग्रहण का काम ठप है। ऐसे में बिना चौड़ीकरण के ही सड़कें बन जाएंगी नहीं तो सड़क के निर्माण का ही काम फंस जाएगा।