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ढलती उम्र में भी मतदान करने की ख्वाहिश

जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके बुर्जुग मतदाताओं में मतदान करने का जज्बा अब भी दिखाई पड़ रहा है। लाठी ठेक कर या दूसरे का सहारा लेकर जीवन के

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Mar 2019 10:12 PM (IST)Updated: Sun, 24 Mar 2019 10:12 PM (IST)
ढलती उम्र में भी मतदान करने की ख्वाहिश
ढलती उम्र में भी मतदान करने की ख्वाहिश

गुमला : जीवन के अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुके बुर्जुग मतदाताओं में मतदान करने का जज्बा अब भी दिखाई पड़ रहा है। लाठी ठेक कर या दूसरे का सहारा लेकर जीवन के 85 से 95 बसंत देख चुके मतदाताओं से लोकसभा के होने वाले चुनाव के बाबत बातचीत की गई, तो कांपते शरीर और हिलते होठों से एक ही आवाज आयी कि मतदान जरूर करेंगे। न जाने अगली बार मतदान करने का सौभाग्य मिले या न मिले। इन में से कुछ ऐसे मतदाता हैं जो प्रथम आम चुनाव से अब तक संपन्न हुए हर चुनाव में अपना मत डालने का काम किया है। इनमें से कुछ का कहना है कि हमने आजादी की लड़ाई को आंखों से देखा था। आजादी के प्रथम सबेरा का अहसास किया था। बड़ी खुशी मिली थी। गुमला प्रखंड के मुरकुंडा गांव के रहने वाले 95 वर्षीय नंनद केश्वर साहु कहते हैं कि वे हर बार वोट देते रहे हैं। इस बार भी वे अपना मत डालेंगे। वे कहते हैं अब तक के संपन्न सभी चुनावों में मताधिकार का प्रयोग किया है। पहले चुनाव की घोषणा होती थी तब नेताओं और कार्यकर्ताओं का संदेश आता था। पहले दो चुनावों में कार्यकर्ता ही अपने प्रत्याशी का प्रचार करते थे और मतदान कराते थे। अब गाड़ी घोड़ा का जमाना आ गया है। अब नेता भी आने लगे हैं। 90 वर्षीय नंदकेश्वर साहु कहते हें कि जरूरत वोट देंगे। अपने बेटा बेटी के सहयोग से मतदान केन्द्र पर पहुंचेंगे। मतदान करना उनका फर्ज है। पिछले दो चुनावों से उसका बेटा ही वोट दिलाने ले जाते हैं। 90 वर्षीय राधिका देवी और हीरामती देवी चलने फिरने में समर्थ नहीं है। किसी तरह अपने नित्यक्रिया और दिनचर्या को पूरा कर रही है, कान से भी कम सुनाई पड़ता है लेकिन जब चुनाव में मतदान की चर्चा हुई तो दोनों महिलाओं की आंखें चमक गई। आहिस्ता से बोली की मतदान करूंगी। मुरकुंडा चौक पर रहने वाले 86 वर्षीय राम लखन साहु कहते हैं कि जब से उन्हें होश हुआ तब से वे अपना मत डालते आए हैं। हर बार वोट डालें हैं। इस बार भी डालेंगे। वे कहते हैं कि हर लोगों को अपना वोट देना चाहिए। इसी से लोकतंत्र मजबूत होगा। किसी को अपना मत बर्बाद नहीं करना चाहिए। डुमरडीह में रहने वाली वयोवृद्ध महिला 93 वर्षीय मनकुंवइर देवी और 91 वर्षीया सतरूपा देवी कहती है कि चलने फिरने में असमर्थ है। यदि कोई बूथ पर ले जाएगा तो जरूर मतदान करूंगी।

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