Move to Jagran APP

प्रतिबंधित पशु का विषाक्त मांस खाने से बच्ची की मौत, छह की हालत गंभीर

death of girl child. झारखंड के गुमला में प्रतिबंधित पशु का विषाक्त मांस खाने से बच्ची की मौत हो गई, छह की हालत गंभीर है।

By Sachin MishraEdited By: Published: Sun, 10 Feb 2019 01:44 PM (IST)Updated: Sun, 10 Feb 2019 04:03 PM (IST)
प्रतिबंधित पशु का विषाक्त मांस खाने से बच्ची की मौत, छह की हालत गंभीर
प्रतिबंधित पशु का विषाक्त मांस खाने से बच्ची की मौत, छह की हालत गंभीर

गुमला, जेएनएन। घाघरा थाना क्षेत्र के शिबसेरेंग गांव में प्रतिबंधित पशु का मांस खाने से एक ही परिवार के एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि छह अन्य गंभीर रूप से बीमार हो गए।

loksabha election banner

जानकारी के अनुसार, गांव के लोगों ने बताया कि सीसी कतरी से एक व्यक्ति प्रतिबंधित मांस गांव में लाकर लोगों को बेचता है। प्रत्येक शनिवार की तरह इस शनिवार को भी उक्त व्यक्ति ने गांव में प्रतिबंधित मांस लाकर बेचा था। जिसे गांव के लगभग 20 घरों के लोगों ने खरीद कर बनाया था। सभी लोगों ने खाया पर किसी को कुछ नहीं हुआ और उसी मांस को खाने से प्रकाश तिग्गा के परिवार से एक बच्ची की मौत व पांच लोग गंभीर रूप से बीमार गए।

ये हुए बीमार

प्रकाश तिग्गा व उसकी मां सुशीला तिग्गा, भाई सुबोध तिग्गा, भाभी शालीनता तिग्गा, भतीजी प्यारी तिग्गा व नेहा तिग्गा ने मांस पकाकर खाया। खाने के कुछ देर बाद सभी को उल्टी होने लगी। जिसके बाद वाहन बुक कर सभी लोगों को गुमला सदर अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान एक बच्चे की मौत हो गई। वहीं, अन्य लोगों की हालत गंभीर है।

पड़ोसियों ने यह भी बताया कि प्रकाश तिग्गा का गोरियाडीह ग्राम निवासी पवन्ति कुमारी के साथ प्रेम प्रसंग था, जिसे प्रकाश बाद में स्वीकार नहीं करने लगा। जिस पर लड़की थाने में जाकर शिकायत की थी, जिसके बाद बैठक भी हुई और समझौता करते हुए थाने से प्रकाश को कहा गया कि पवंती को अपने साथ रखें। इसके बाद प्रकाश पवन्ति को अपने परिवार के साथ रखने लगा। गांव वालों का यह मानना है कि जब उसी मांस को गांव के और भी घरों में खाने से किसी को कुछ नहीं हुआ तो केवल प्रकाश के घर में खाने से कैसे ऐसा हुआ। वहीं, पवन्ति ने मांस नहीं खाकर अंडा खाया। पवन्ति स्वस्थ है, जिससे गांव वालों ने पवन्ति पर मांस में जहर डालने का आरोप लगाया है। गांव में कुल 85 घर हैं, जिनकी आबादी लगभग 400 है। गांव के अधिकांश लोग ईसाई समुदाय से जुड़े हुए हैं।

इधर, सिविल सर्जन डाॅ. सुखदेव भगत ने बताया कि प्वाइजनिंग का मामला लगता है। टीम भेजकर इसकी जांच कराई जाएगी। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.