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अपने ही गढ़ में मात खा गए भाजपा व महागठबंधन के उम्मीदवार

जागरण संवाददातागुमला संसदीय चुनाव में उम्मीदवार को अपनी पार्टी के क्षेत्र के विधायकों प

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 09:57 PM (IST)Updated: Sat, 25 May 2019 06:37 AM (IST)
अपने ही गढ़ में मात खा गए भाजपा व महागठबंधन के उम्मीदवार
अपने ही गढ़ में मात खा गए भाजपा व महागठबंधन के उम्मीदवार

जागरण संवाददाता,गुमला :

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संसदीय चुनाव में उम्मीदवार को अपनी पार्टी के क्षेत्र के विधायकों पर भरोसा रहता है। मगर लोहरदगा संसदीय सीट पर चुनाव ने कुछ अजीब सा संदेश दिया। यहां से केंद्रीय मंत्री भाजपा के सुदर्शन भगत करीब दस हजार मतों से जीत गए। मुकाबला कांग्रेस के सुखदेव भगत से था। भगत खुद लोहरदगा से विधायक भी हैं। मगर भाजपा हो या कांग्रेस जिन क्षेत्रों में उनके विधायक थे उन्हीं इलाकों से इन्हें मतों में पिछड़ना पड़ा। सिर्फ मांडर अपवाद की तरह रहा। यानी पार्टी के विधायक अपने क्षेत्र से संसदीय उम्मीदवार को बढ़त नहीं दिला पाए।

इसे विधायकों के प्रति जनता का असंतोष भी कह सकते हैं। पूरे देश में मोदी लहर के बावजूद भाजपा विधायकों के इलाके में यह हश्र पार्टी के लिए चिंता की बात है। लोहरदगा संसदीय क्षेत्र में पांच विधान सभा क्षेत्रों में तीन में भाजपा काबिज है। गुमला में भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव, सिसई में विधान सभा अध्यक्ष दिनेश उरांव और मांडर में गंगोत्री कुजूर जबकि लोहरदगा में कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव भगत स्वयं विधायक हैं। बिशुनपुर से चमरा लिंडा झामुमो किे वधायक है। सुखदेव भगत महागठबंधन के प्रत्याशी हैं। यानी झामुमो का साथ। सुखदेव भगत लोकसभा चुनाव में अपने ही विधान सभा क्षेत्र से मतों लगभग 11729 मतों से पिछड़ गए। चमरा लिडा भी महागठबंधन उम्मीदवार को अपने विधान सभा क्षेत्र से बढ़त नहीं दिला सके। बिशुनपुर विधान सभा क्षेत्र से भाजपा ने कांग्रेस उम्मीदवार से 13309 मतों की बढ़त हासिल की। यह बढ़त चौंकाने वाली है। मांडर जहां से भाजपा की गंगोत्री कुजूर विधायक हैं में भी मात्र 1189 मतों से बढ़त मिली। इसी तरह गुमला विधान सभा क्षेत्र में भाजपा विधायक शिवशंकर उरांव अपने पार्टी प्रत्याशी को बढ़त दिलाने में विफल रहे। गुमला विधान सभा क्षेत्र भाजपा प्रत्याशी सुदर्शन भगत गृह क्षेत्र भी है। इस विधान सभा सीट से भाजपा 6603 मतों से पिछड़ गई। एक समय था जब कांग्रेस प्रत्याशी लगभग 14 हजार की बढ़त बना चुके थे लेकिन गुमला शहर को भाजपा का गढ़ माना जाता है जहां मात्र भाजपा 1273 मतों से आगे रही। लेकिन गुमला के पूर्वी क्षेत्र से भाजपा को लगभग छह हजार की बढ़त मिली। सबसे चौंकाने वाला परिणाम सिसई विधान सभा क्षेत्र का रहा। सिसई विधान सभा क्षेत्र में भाजपा को 10114 मतों से पिछड़ना पड़ा। यह विधान सभा क्षेत्र विधान सभा अध्यक्ष डा.दिनेश उरांव का है। यह पहला मौका है कि जब किसी लोक सभा चुनाव में भाजपा को इतने अधिक मतों से पिछड़ना पड़ा है। यही लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है।


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