उपभोक्ता फोरम की बेंच में नहीं हो रही सुनवाई
उपभोक्ता फोरम में बैंच के अभाव सुनवाई ठप
गोड्डा : जिला स्तर पर उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा को लेकर उपभोक्ता वाद निष्पादन फोरम का गठन किया गया है। इसकी सुनवाई के लिए सेवानिवृत जज फोरम के पदेन अध्यक्ष होते हैं, इसके अलावा दो सदस्यीय टीम की ओर से उपभोक्ता मामलों की सुनवाई का प्रावधान है। बावजूद पिछले एक वर्ष से फोरम के अध्यक्ष व सदस्यों की नियुक्ति को लेकर अध्यादेश जारी नहीं किया गया है। ऐसे में बेंच के किसी भी सदस्य के नहीं रहने पर उपभोक्ता वादों की सुनवाई पूरी तरह ठप है। इसके लिए उपभोक्ताओं को जिला न्यायालय, जिला विधिक सेवा प्राधिकार व स्थायी लोक अदालत सहित मुख्यमंत्री जनसंवाद की शरण लेनी पड़ रही है। ऐसे में उपभोक्ताओं के समक्ष ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है।
ज्ञात हो कि उपभोक्ता संरक्षण वाद निवारण फोरम के अध्यक्ष सीताराम प्रसाद का कार्यकाल 17 फरवरी 2019 को पूरा हो गया था जबकि सदस्य के रूप में कार्यरत रीता झा का कार्यकाल 15 जनवरी 2018 को एवं एक अन्य सदस्य नत्थू राम का 09 अक्टूबर 2018 को ही समाप्त हो गया। ऐसे में बिना बेंच के ही फोरम संचालित है। बेंच के अभाव में 2018 से लेकर अबतक करीब 50 से अधिक उपभोक्ता मामले विचाराधीन हैं। वहीं कागजी खानापूíत कर 2018 में 27 मामले और 2019 में 15 मामले का निष्पादन किसी तरह किया गया था। अधिवक्ता संघ के महासचिव योगेश चंद्र झा का कहना है कि जिला उपभोक्ता संरक्षण वाद निवारण फोरम से अभी उपभोक्ता मामलों का निष्पादन नहीं हो रहा है। फोरम की बेंच नहीं गठित होने के कारण उपभोक्ताओं के अधिकारों के हनन से संबंधित मामले की सुनवाई पूरी तरह ठप है।
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इस दिशा में कई बार जिला प्रशासन व सरकार को भी पत्र लिख कर अवगत कराया गया है। बावजूद अबतक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया है। जबकि यह अति आवश्यक फोरम है। जानकारी के अभाव में लोग न्याय के लिए इधर उधर भटकते हैं। सरकार को इस दिशा में त्वरित कदम उठाने की जरूरत है। - सुशील कुमार झा, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ गोड्डा।