कोरोना जांच की रफ्तार धीमी, अबतक दस हजार टेस्ट भी नहीं
गोड्डा जिले में अबतक दस हजार लोगों की भी कोरोना जांच नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग की
गोड्डा : जिले में अबतक दस हजार लोगों की भी कोरोना जांच नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार जिले में अबतक आरटीपीसीआर लैब से 7528 सैंपल की जांच हुई हैं। वहीं ट्रूनेट व रैपिड टेस्ट किट मिलाकर कुल 9975 लोगों की ही जांच हो पाई है। इसमें यहां 110 पॉजिटिव केस अब तक मिले हैं। जिले में रिकवरी रेट बीते एक सप्ताह से तेज हुई है। यहां अबतक 68 संक्रमित मरीज स्वस्थ होकर अपने घर चले आए हैं, यह राहत वाली खबर है। अभी यहां आरटीपीसीआर टेस्ट में 1090 सैंपल की रिपोर्ट की प्रतीक्षा की जा रही है। वहीं जिला स्तर पर ट्रूनेट मशीन में भी करीब 82 सैंपल की जांच रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। कोरोना संक्रमित मिलने के बाद उसके संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट तुरंत मिले, इस दिशा में स्वास्थ्य विभाग लगातार कोशिश कर रहा है लेकिन उन्हें संसाधनों की कमी से भी जूझना पड़ रहा है।
जांच की रफ्तार धीमी होने से संक्रमित लोगों के आसपास के गांवों और मुहल्लों में भारी चिता है। लोगों का का कहना है कि टेस्ट रिपोर्ट समय पर उपलब्ध नहीं होने से संक्रमितों का पता नहीं चल पा रहा है। जिले में कोरोना टेस्ट के लिए सदर अस्पताल और महागामा रेफरल अस्पताल में एक-एक ट्रूनेट मशीन हैं जिसमें हर रोज करीब 15 से 20 की संख्या में ही टेस्ट हो पाता है जबकि जिले के अमूमन सभी प्रखंडों में संक्रमण फैल गया है। एक भी प्रखंड इससे अछूता नहीं है। आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए यहां सप्ताह भर का समय लग रहा है। पॉजिटिव मरीज मिलने पर प्राथमिकता के आधार पर उसके नजदीकी लोगों की ट्रेसिग और जांच के लिए सैंपल लिया जाता है फिर जांच रिपोर्ट के लिए कई दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। जिले में लैब टेक्नीशियन का भी अभाव है। कंटेनमेंट जोन के सभी लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट नहीं हो पा रहा है।
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जिले में उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग हो रहा है। यहां रिकवरी रेट बढ़ी है। अभी 40 एक्टिव केस हैं। वहीं 68 लोग कोरोना का हरा कर अपने घरों में आराम कर रहे हैं। कोविड सेंटर में मरीजों के इलाज, भोजन और आवासन को लेकर प्रशासन गंभीर है। स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
- डॉ. एसपी मिश्रा, सिविल सर्जन, गोड्डा।