48 घंटे बाद कोयला खदान से निकला मासूम शाहबाज का शव, कोयला चुनते वक्त गहरे खदान में था समाया
ईसीएल की राजमहल परियोजना की बंद खदान में बुधवार की अल सुबह गिरे 14 साल के किशोर शाहबाज अंसारी का शव 48 घंटे बाद बरामद हुआ। कोयला चुनने के दौरान करीब 300 फीट गहरे खदान में गिरने से उसकी मौत हुई थी।
जागरण संवाददाता, गोड्डा। ईसीएल की राजमहल परियोजना के बसडीहा खनन क्षेत्र की गहरी खाई में गिरे 14 वर्षीय किशोर शाहबाज अंसारी का शव 48 घंटे के बाद शुक्रवार को सुबह निकाला गया। बीते बुधवार की अल सुबह ही उक्त किशोर कोयला चुनने के दौरान करीब 300 फीट गहरे खदान में समा गया था।
खदान में तैरता हुआ मिला शव
बुधवार और गुरुवार को लगातार दो दिनों से यहां एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही थी। शुक्रवार की सुबह खनन क्षेत्र के गहरे पानी में किशोर का शव तैरता हुआ मिला। पुलिस प्रशासन की निगरानी में एनडीआरएफ की टीम ने शव को गहरी खदान से बाहर निकाला। पुलिस अब आगे की कानूनी प्रक्रिया पूरी कर रही है।
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48 घंटे बाद मिला शाहबाज का शव
इधर शव मिलने की सूचना पर सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण सहित मृतक के स्वजन घटनास्थल पर दौड़े आए। बीते तीन दिनों से शाहबाज के परिवार के लोग खदान परिसर में ही विलाप करते रहे। ललमटिया थाना प्रभारी चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि 48 घंटे बाद खदान में डूबे किशोर का शव बरामद कर लिया गया है। शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा जा रहा है।
बंद खदान में लोग आते हैं कोयला चुनने
14 वर्षीय शाहबाज अंसारी बड़ा भोड़ाई का रहने वाला है। उसके पिता का नाम सजाम अंसारी है। बता दें कि ईसीएल की राजमहल परियोजना की ओर से एक दशक पूर्व बड़ा भोड़ाई के भादो टोला में कोयला खनन किया जाता था। अब यह क्षेत्र पुर्नवास स्थल बन गया है। बंद खदान के आसपास स्थानीय लोग अपनी जरूरतों को पूरी करने के लिए कोयला चुनते हैं।
बंद खदान में डूबने से पहले भी हो चुकी है मौत
दो साल पूर्व भी बंद खदान में डूबने से एक युवक की मौत हो गई थी, तब लोगों ने ईसीएल के सिक्यूरिटी अधिकारियों के खिलाफ जमकर हंगामा किया था क्योंकि सुरक्षा गार्डों की ओर से कोयला चुनने वालों को खदेड़ा गया था जिस भगदड़ में एक युवक खदान की गहरी खाई में गिर गया था। काफी मशक्कत के बाद एनडीआरएफ की टीम में खदान से शव को बाहर निकाला था।