प्रस्तावित सुगाबथान डैम को ले राजनीति गर्म
- जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में सांसद-विधायक आमने सामने - सांसद ने कहा कि डैम निर्माण से दूर होगी सिचाई की समस्या - विधायक ने कहा कि जनभावनों के अनुरूप हो विकास कार्य जागरण संवाददाता गोड्डा जिला के पोड़ैयाहाट प्रखंड के सुगाबथान में प्रस्तावित डैम को लेकर करीब पांच दशक से लोग विस्थापन सहित अन्य कारणों को लेकर विरोध करते रहे है। इसके कारण आज तक यह परियोजना खटाई में ही पड़ी रही। पोड़ैयाहाट और गोड्डा प्रखंड के लिए उक्त प्रस्तावित डैम को अहम बताया जा रहा है वहीं डैम
गोड्डा : जिला के पोड़ैयाहाट प्रखंड के सुगाबथान में प्रस्तावित डैम को लेकर करीब पांच दशक से लोग विस्थापन सहित अन्य कारणों को लेकर विरोध करते रहे है। इसके कारण आज तक यह परियोजना खटाई में ही पड़ी रही। पोड़ैयाहाट और गोड्डा प्रखंड के लिए उक्त प्रस्तावित डैम को अहम बताया जा रहा है वहीं डैम के प्रस्ताव के साथ ही इसका विरोध भी करीब पांच दशक से हो रहा है। गुरुवार को जिला विकास समन्वयक एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में भी यह मामला गरमाया। बैठक में सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने कहा कि प्रस्तावित सुगाबथान डैम से एक भी परिवार विस्थापित नहीं होगा। वहां ग्रामीणों के साथ ग्राम सभा कर डीपीआर तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। कुछ लोग इसपर राजनीति कर रहे हैं और जनता को गुमराह कर विरोध करावा रहे हैं। ऐसे लोगों का चेहरा सामने आ चुका है। आने वाले विधान सभा चुनाव में यह जनता का मुद्दा बनेगा। वहीं दिशा की बैठक में भाग ले रहे पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि विकास कार्य जन भावनाओं के अनुरूप हो। ग्लोबल स्तर पर अब बड़े डैम के औचित्य पर प्रश्न चिन्ह लग रहा है। बिहार में बाढ़ की स्थिति बनने पर सरकार की ओर से फरक्का डैम को तोड़ने की मांग की जा रही है। ऐसे में सुगाबथान डैम से खतरा नहीं होगा, यह कहना कितना सही है। विधायक अपनी बात रखने के बाद बैठक से चले गए लेकिन वहां सुगाबथान डैम पर सांसद ने चर्चा को फिर से आगे बढ़ाया। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सांसद ने कहा कि प्रस्तावित डैम के विरोध की अगुवाई करने वाले सिमोन मरांडी के पीछे कौन लगे खड़े हैं, यह दिशा की बैठक में स्पष्ट हो गया। वे यहां भी नहीं रूके। कहा कि आने वाले दिनों में पोड़ैयाहाट विस क्षेत्र में यह जनता का मुद्दा बनेगा। कहा कि भाजपा पूरे प्रदेश में यदि एक भी सीट जीतेगी तो वह पौड़ैयाहाट होगी।
इधर डैम के संबंध में विभागीय सूत्र की माने तो यह डैम सुंदरडैम से छोटा होगा जहां जिसकी जलग्रहण क्षमता 25 एमसीएम की होगी। इसकी उंचाई लगभग 15-18 मीटर होगी, जबकि सुंदर जलाशय की उंचाई 24 मीटर के करीब है। विभागीय सूत्र का कहना है कि प्रस्तावित सुगाबथान डैम में जलभंडारण क्षेत्र 530 एकड़ का होगा और जलग्रहण क्षेत्र 60 वर्ग किमी। जबकि इससे दस हजार एकड़ भूमि सिचित होगी। प्रस्तावित डैम के आसपास ज्यादातर भूमि सरकारी है। अगर डैम बनाता है तो इससे पोड़ैयाहाट व गोड्डा को पानी मिलने के साथ ही वैसे इलाकों को सिचाई की सुविधा मिलेगी तो त्रिवेणी बीयर से आच्छादित नहीं है। त्रिवेणी से पूर्व व दक्षिणी इलाकों को पानी नहीं मिल पा रहा है। यह इलाका ऊंचा है। ऐसे में सुगाबथान से पोड़ैयाहाट के ऊंचे इलाके को डैम बनने से फायदा होगा।