समाज के विकास को तय करता साक्षरता दर
पोड़ैयाहाट : प्लस टू उच्च विद्यालय डांड़ै में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में शनिवार को
पोड़ैयाहाट : प्लस टू उच्च विद्यालय डांड़ै में राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वावधान में शनिवार को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन प्रधानाध्यापक रजनीकांत यादव ने किया। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार चौधरी ने कहा कि निरक्षरता जीवन का अभिशाप है। निरक्षरता के विश्वव्यापी मुद्दों का मुकाबला करने के लिए यूनेस्को ने 1965 में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के रूप में आठ सितंबर को घोषित किया। आठ सितंबर साक्षरता दिवस का उद्देश्य है कि समाज से अशिक्षा दूर हो सके लोग साक्षर हो सके। जिससे समाज और देश विकसित कर सके क्योंकि किसी भी देश या समाज के विकास का सूचक उस देश की साक्षरता दर होता है। वर्तमान में विश्व स्तर पर लगभग 20 फीसद लोग निरक्षर हैं इसमें लगभग 66 फीसदी केवल महिलाएं हैं। आज विश्व स्तर पर लगभग 75 मिलियन बच्चे विद्यालय नहीं जाते हैं। वर्तमान में विश्व की साक्षरता दर 86 फीसद है विकसित देशों में अमेरिका, इंग्लैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया में शत प्रतिशत साक्षरता है। अफ्रीकी देशों में स्थिति ठीक नहीं है। भारत में 2011 की जनगणना में भारत की साक्षरता दर 74 फीसद था जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा 80 फीसद को पार कर चुका है। वर्तमान में भारत में सबसे अधिक निरक्षर लोग निवास करते हैं। भारत में केरल का साक्षरता दर सबसे ऊंची है जल शत प्रतिशत लोग साक्षर है जबकि बिहार सबसे पिछड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि साक्षरता किसी भी देश की बुनियादी आधारभूत सूचक है जो उस देश और समाज के विकास की दर को तय करता है। मौके पर स्कूल के प्राध्यापक एवं काफी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे।