साइमन को 7 साल की सश्रम सजा, 25 हजार का जुर्माना; लिव इन पार्टनर को प्रताड़ित-आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप
गोड्डा जिला अदालत ने शुक्रवार को युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी साइमन मुर्मू को सात साल की सश्रम जेल की सजा सुनाई है। 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। गोड्डा जिला जज ने इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया।
जागरण संवाददाता, गोड्डा। झारखंड में गोड्डा जिला अदालत ने शुक्रवार को युवती को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में आरोपी साइमन मुर्मू को सात साल की सश्रम जेल की सजा सुनाई है। 25 हजार का जुर्माना भी लगाया है।
गोड्डा जिला जज प्रथम जनार्दन सिंह की अदालत ने इस मामले में अभियोजन पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुनाया। अपने आदेश में उन्होंने साइमन मुर्मू को दोषी करार देते हुए सात साल सश्रम कारावास की सजा दी। साथ ही 25 हजार का जुर्माना भी लगाया।
आदेश में कहा गया कि जुर्माना न भरने पर छह महीने की अतिरिक्त जेल की सजा काटनी होगी। इसके साथ ही अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला प्रशासन के समाज कल्याण कोषांग को पीड़ित परिवार को क्षतिपूर्ति राशि देने का निर्देश दिया है।
क्या था मामला
जानकारी के मुताबिक, गोड्डा शहर के सरकंडा में सुंदरपहाड़ी थाना क्षेत्र के पोखरिया गांव निवासी साइमन मुर्मू अपनी महिला मित्र मोनिका हेंब्रम के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहता था। दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ाई करते थे। बीते 16 फरवरी 2018 को मोनिका हेम्ब्रम ने आत्महत्या कर ली थी।
इस मामले में मोनिका के भाई रफायल हेम्ब्रम ने पुलिस से शिकायत की थी कि उनकी बहन को साइमन मुर्मू ने ही आत्महत्या के लिए उकसाया था। मृतक युवती के भाई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक, साइमन और मोनिका करीब दो साल से साथ रह रहे थे।
भाई ने आरोप लगाया था कि मोनिका बार-बार साइमन से शादी करने के लिए दबाव बनाने लगी। साइमन टाल मटोल करता रहा और फिर एक दिन उसने शादी करने से मना कर दिया। इससे आहत होकर मोनिका ने खुदकुशी कर ली। इतना ही नहीं, साथ रहने के दौरान वह मोनिका को प्रताड़ित भी करता था। इस बारे में खुद मोनिका ने अपने भाई को बताया था।
2021 में किया सरेंडर और मिल जमानत
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद से साइमन मुर्मू लगातार फरार रहा। साल 2021 में उसने कोर्ट में सरेंडर किया, लेकिन कुछ वक्त बाद ही उसे जमानत मिल गई। इस मामले में अब सजा होने के बाद उसे फिर से जेल भेज दिया गया है।
पीड़ित परिवार ने अदालत के फैसले का स्वागत किया है। कोर्ट परिसर में उक्त कांड के सूचक सह मृतका के भाई रफायल हेम्ब्रम ने कहा कि कोर्ट ने दोषी को पांच साल में सजा सुना दी है। फैसले से वे सभी संतुष्ट हैं। बता दें कि आदिवासी समुदाय में बिना शादी किए साथ रहने यानी कि लिव इन रिलेशनशिप को अघोषित रूप से सामाजिक मान्यता मिली हुई है।