भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सिंचाई परियोजना
गोड्डा एक दशक पूर्व गोड्डा सदर प्रखंड की नुनबट्टा पंचायत में दो छोटी नदियों में चेकडैम
गोड्डा : एक दशक पूर्व गोड्डा सदर प्रखंड की नुनबट्टा पंचायत में दो छोटी नदियों में चेकडैम बनाकर करीब 5000 हेक्टेयर भूखंड की सिचाई सुविधा मुहैया कराने को योजना शुरू हुई। यह लिफ्ट सिचाई परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। दो चेकडैम और पाइप लाइन से खेतों तक पानी पहुंचाने वाला संयंत्र दो साल बाद ही तहस नहस हो गया। खेतों तक एक बूंद पानी नहीं पहुंचाए लेकिन परियोजना के नाम पर एक करोड़ रुपये से अधिक की राशि लघु सिचाई विभाग ने बहा दिए। योजना स्थल पर जीर्णशीर्ण पंप हाउस और चेकडैम के अवशेष के अलावा कुछ नहीं बचा है। विभागीय अधिकारियों को भी उक्त योजना की वस्तु स्थिति की जानकारी नहीं है।
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10 वर्षों के बाद भी खेतों तक नहीं पहुंचा एक बूंद पानी : कृषि आधारित पंचायत नुनबट्टा में किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या सिचाई की है। यहां के लोग सालों भर मेहनत मजदूरी कर सब्जी सहित रबी और खरीफ फसलों का पैदावार करते हैं। इन्हें सिचाई सुविधा मुहैया कराने के लिए वर्ष 2010-11 में तत्कालीन सांसद फुरकान अंसारी की पहल पर लघु सिचाई विभाग से लिफ्ट एरिगेशन योजना ली गई। इसके लिए पंचायत में दो चेकडैम और पंप हाउस बनाकर पाइपलाइन से ऊपरी जमीन पर पटवन की व्यवस्था कराने की योजना बनी। पंचायत की दो छोटी नदियों में चेक डेम बनाकर सिचाई के लिए अलग अलग चार योजनाओं को मंजूरी मिली। नदियों पर चेकडैम के साथ साथ लिफ्ट मशीन के जरिए पटवन वाले इलाके में पाइपलाइन बिछाने का काम शुरू हुआ। लिफ्ट एरिगेशन के लिए पंप हाउस बनाया गया। योजना कार्य अभी आकार ही ले रहा था कि यहां योजना के नाम पर लूट का खेल शुरू हो गया। स्थानीय मुखिया बीना देवी ने बताया कि उक्त योजना को लेकर कालांतर में विभागीय जांच हुई थी जिसमें लाभुक समिति के सदस्यों पर ही गाज गिरी। विभागीय जांच पड़ताल के बीच वर्ष 2013 के बाद योजना कार्य को रोक दिया गया लेकिन तबतक योजना मद में एक करोड़ रुपये से अधिक निकासी हो गई थी। आधारशिला के दस साल बाद भी उक्त योजना का न तो उद्घाटन हुआ और ना हीं एक बूंद पानी ही किसानों के खेतों तक पहुंच पाया।
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जानिए किसानों का दर्द :
अधूरी योजना को लेकर स्थानीय किसानों में काफी गुस्सा है। ग्रामीणों ने बताया कि योजना पूर्ण नहीं होने पर ठेकेदार पाइपलाइन, लिफ्ट मशीन आदि उठाकर ले गए। अब सिर्फ योजना के अवशेष ही बचे हैं। नुनबाट्टा पंचायत की सांझर नदी में बने दो चेकडैम में से एक का अस्तित्व मिटने वाला है वहीं बंगाली टोला स्थित नदी में बने चेकडैम का तो नामोनिशान ही मिट गया है। स्थानीय किसान वरुण कुमार बताते हैं कि यहां लिफ्ट सिचाई योजना दस वर्ष पूर्व बनी थी, पर योजना का काम पूरा नहीं हुआ। सभी मशीन और पाईपलाइन को उखाड़ कर बेच दिया गया। नुनबट्टा के किसानों के सपने अधूरे ही रह गए। कृषक रणधीर महतो कहते है कि चेकडैम और पाइपलाइन से सिचाई होने पर काफी मदद मिलती । यहां फसलों का पैदावार भी बढ़ता लेकिन यह सपना पूरा नहीं हुआ।
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यह बहुत पुरानी योजना है। इसके तहत सांसद मद से भी राशि दी गई थी। इसके बारे में संचिका देखने पर ही सही जानकारी दी जा सकती है। अभी कोरोना काल में योजना मद में आवंटन नहीं मिल रहा है। अधिकांश योजनाएं ठप है। नुनबट्टा पंचायत में लिफ्ट सिचाई योजना के संबंध में अभी कुछ नहीं बता सकता।
- सुनील कुमार, जिला अभियंता, लघु सिचाई विभाग, गोड्डा।