अंतिम सोमवारी पर बहनें बांधेंगी भाइयों को राखी
गोड्डा सावन की अंतिम सोमवारी व पूर्णिमा के साथ ही सोमवार को पावन मास का समापन हो जाएगा।
गोड्डा : सावन की अंतिम सोमवारी व पूर्णिमा के साथ ही सोमवार को पावन मास का समापन हो जाएगा। कोरोना संक्रमण काल के कारण इस बार का सावन श्रद्धालु व भक्तों के लिए सभी मायने में फीका रहा। इस बार श्रद्धालुओं के लिए शिवालय के पट बंद रहे। किसी तरह का कोई आयोजन नहीं हो पाया। बड़ी संख्या में डाकबम हर सोमवार को भागलपुर से गोड्डा के शिवपुर स्थित रत्नेश्वरनाथ धाम में जलार्पण करते थे। इसके लिए सावन के हर रविवार को ही भक्तगण जलार्पण के लिए निकलते थे। कई जगह डाक बम की सेवा के लिए शहर से लेकर पूरे रास्ता तक शिविर लगता था। कोरोना के संक्रमण काल में लोग घरों में इस बार बाबा भोलेनाथ की आराधना की। सरकार ने कोरोना के बढ़ते संक्रमण के मामले को लेकर इस बार सभी धार्मिक स्थलों पर सार्वजनिक पूजा अर्चना पर रोक लगा रखी है। सामान्य पूजा मंदिर के पुरोहित कर रहे हैं। सरकार के निर्देश को लोगों ने पालन भी किया, इसका असर रहा कि इस बार शिवालयों में कही भी भीड़ नहीं रही। सावन की सोमवारी को जहां भीड़ की संभावना रही वहां पुलिस बल की तैनाती रही। तीन अगस्त को सावन की अंतिम सोमवारी के साथ ही श्रावण पूर्णिमा है। इसी दिन रक्षा बंधन का त्योहार मनाया जाता रहा है। इस बाबत गुरुधाम के पंडित मंगल झा ने कहा कि इस बार कोरोना को लेकर परिस्थिति अलग रही। मंदिरों की जगह श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ की आराधना घरों में ही। तीन अगस्त को अंतिम सोमवारी के साथ ही सावन का समापन हो जायेगा।
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रक्षाबंधन पर स्वार्थ सिद्धि योग का बन रहा संयोग गोड्डा: इस बार रक्षाबंधन के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग व आयुष्मान दीर्घायु का संयोग भी बन रहा है। जिसके कारण रक्षा बंधन शुभ रहने वाला है। पंडित मंगल झा ने रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त को बताते हुए कहा कि राखी बांधने के समय भद्रा नहीं होना चाहिए। कहा जाता है कि रावन की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांध दिया था, इस लिये रावण का विनाश हो गया। बताया कि 3 अगस्त को भद्रा सुबह 9 बजकर 29 मिनट तक है। इसके बाद राखी का त्योहार 9:30 बजे सुबह से शुरू हो जायेगा। दोपहर 1:35 से लेकर शाम 4:35 तक बहुत ही अच्छा समय है। इसके बाद से शाम 7:30 से रात 9:30 तक भी बढि़या मुहूर्त है। मंगल झा ने कहा कि रक्षा बंधन बहुत ही अच्छे ग्रह नक्षत्र का संयोग इस बार बन रहा है। आयुष्मान दीर्घायु योग होने के कारण भाई बहन दोनों की आयु लंबी हो जायेगी। ऐसा संयोग 29 साल बाद आया है। रक्षा बंधन के दौरान बहनें इस मंत्र का जाप कर रक्षा सूत्र बांधेंगी तो मनोरथ फल मिलेगा।
रक्षा-सूत्र बांधने का मंत्र-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:
तेन त्वां अभिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल:
भावार्थ-जिस पतले रक्षासूत्र ने महाशक्तिशाली असुरराज बलि को बांध दिया, उसी से मैं आपको बाँधती हूँ । आपकी रक्षा हो । यह धागा टूटे नहीं और आपकी रक्षा सुरक्षित रहे । - यही संकल्प बहन भाई को राखी बांधते समय करे । शिष्य गुरु को रक्षासूत्र बाँधते समय ''अभिबध्नामि'' के स्थान पर ''रक्षबध्नामि'' कहे।