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भक्ति के बिना मुक्ति संभव नहीं : आचार्य

गोड्डा : स्थानीय सदर प्रखंड मैदान पर परम संत बाबा देवी साहब शताब्दी महापरिनिर्वाण वर्ष में जिला संतम

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 May 2018 07:45 PM (IST)Updated: Sun, 20 May 2018 07:45 PM (IST)
भक्ति के बिना मुक्ति संभव नहीं : आचार्य
भक्ति के बिना मुक्ति संभव नहीं : आचार्य

गोड्डा : स्थानीय सदर प्रखंड मैदान पर परम संत बाबा देवी साहब शताब्दी महापरिनिर्वाण वर्ष में जिला संतमत सत्संग का 70वां वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया। सम्मेलन के अंतिम दिन रविवार को संतमत सत्संग के प्रधान आचार्य चतुरानंद जी महाराज ने कहा कि भक्ति के बिना मुक्ति संभव नहीं है। भक्ति ही एक मात्र युक्ति है जिसके सहारे मानव जीवन की नैया को भवसागर से पार लगा सकता है। परमात्मा ने यह शरीर मोक्ष प्राप्ति के लिए दिया है। अपार कष्ट सहन कर हम मानव जीवन प्राप्त कर इस धराधाम पर आते हैं। यहां आने के बाद मुख्य कार्य को भूल जाते हैं और माया-मोह में पड़कर इस अमूल्य शरीर का दुरूपयोग करते हैं। मानो अहम अमृत खोकर विष ग्रहण कर रहे हैं। इस कलिकाल में केवल निष्ठापूर्ण भक्ति से ही मुक्ति मिलती है। इसके लिए योग्य गुरु से युक्ति जानकार मानस जप व मानस ध्यान करने की जरूरत है। स्वामी वेदानंद ने कहा कि यह मन बहुत ही चंचल है। किसी को धन, दौलत, शोहरत से संतोष नहीं है। यह जानते हुए कि भक्ति के बिना कल्याण नहीं है बावजूद आध्यात्मिकता से दूर भाग रहे हैं। यह कलिकाल का प्रभाव है। ऐसे में जिसने भी समय को पहचाना और ईश्वर की भक्ति की राह पकड़ी उन सभी का बेड़ा पार हो गया। इसके अलावा योगानंद आदि महात्माओं ने भी विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम को सफल बनाने में अध्यक्ष मनोहर बैद्य, अच्यूतानंद साह, जिला मंत्री जयकांत मंडल, जिला कोषाध्यक्ष शालिग्राम बैद्य, वरिष्ठ सदस्य विनोद प्रसाद साह, जगदीश प्रसाद पंजियारा आदि की भूमिका सराहनीय रही।

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