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सनातन संताल समाज ने राम मंदिर के लिए जाहेरथान से भेजी मिट्टी

गोड्डा जिले के सदर प्रखंड की मोमिया पंचायत स्थित माली गंगटा गांव में शनिवार को सनातन संताल

By JagranEdited By: Published: Sat, 01 Aug 2020 08:03 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 06:19 AM (IST)
सनातन संताल समाज ने राम मंदिर के लिए जाहेरथान से भेजी मिट्टी
सनातन संताल समाज ने राम मंदिर के लिए जाहेरथान से भेजी मिट्टी

गोड्डा : जिले के सदर प्रखंड की मोमिया पंचायत स्थित माली गंगटा गांव में शनिवार को सनातन संताल समाज ने बैठक कर राम मंदिर निर्माण का समर्थन किया। साथ ही जाहेरथान की मिट्टी अयोध्या भेजने का संकल्प लिया। इस दौरान सनातन संताल समाज की पहल पर हिजलजोर और दादू भुट्टू जाहेरथान से मिट्टंी संग्रहित कर अयोध्या भेजी गई।

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इस दौरान वनवासी कल्याण केंद्र के औपचारिक विद्यालय के संताल परगना प्रशिक्षण प्रमुख अनूप कुमार ने बताया कि आदिवासी समाज मूल रूप से सनातन है। भगवान श्रीराम ही हमारे आध्यात्मिक गुरु और ईष्ट रहे हैं। मर्यादा पुरुषोतम श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य मंदिर बनने से सनातन संताल समाज में उत्साह है।

समाज की गुरुमाता रेखा हेम्ब्रम के पुत्र त्रिदेवनाथ हेम्ब्रम भी वर्ष 1992 के राम मंदिर आंदोलन में भाग लेने के लिए अयोध्या गए थे। बैठक में गुरुमाता रेखा हेम्ब्रम ने बताया कि सूबे में कुछ संगठन आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित कर रहा हैं। समाज के लोगों को चाहिए कि वे ईसाई संगठन के बहकावे में आकर अयोध्या में हो रहे भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण में सहयोग करें। भगवान श्रीराम आदिवासियों के पूर्वज हैं। हम संताल के लोग उनके वंशज हैं। ऐसे में सनातन संताल समाज राम मंदिर निर्माण का पुरजोर समर्थन करता है। साथ ही उन्होंने बताया कि मंदिर निर्माण में समाज के लोग तन, मन और धन से सहयोग करेंगे। मौके पर सोनालाल हेम्ब्रम, वीणा पानी मुर्मू, अनिमेष टुडू, भगत हेम्‌र्ब्म, सुशील हेम्ब्रम, त्रिनाथ मुर्मू, ज्योत्सना हेम्ब्रम आदि मौजूद थीं। इस दौरान कई वक्ताओं ने कहा कि राम मंदिर आंदोलन में संताल समाज ने भी सक्रिय भूमिका निभाए हैं।

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आंदोलन का केंद्र बिंदु रहा गोड्डा :

गोड्डा जिला रामजन्म भूमि आंदोलन का मुख्य केंद्र रहा है। यहां आरएसएस के जुड़े वनवासी कल्याण केंद्र के सैकड़ों आंदोलनकारी तब जेल भी गए थे। राम जन्मभूमि अयोध्या का आंदोलन 1985 में ताला खुलने के साथ ही रफ्तार पकड़ा। इसके बाद रथयात्रा निकाली गई, जो गोड्डा के सभी प्रखंड होते हुए जिला मुख्यालय पहुंची थी। रथ के साथ भारी संख्या में लोग शामिल हुए थे। यही नहीं अयोध्या मंदिर के ताला खुलने से लेकर विवादित ढांचा ध्वस्त होने तक बीच-बीच में यहां कार्यक्रम आयोजित होता रहा है। यहां बस व ट्रेनों में भरकर भारी संख्या में कारसेवक अयोद्धा पहुंचे थे। शिला पूजन, श्रीराम ज्योति, श्री राम पादुका पूजन, आदि कई कार्यक्रम आंदोलन के तहत होते रहे। राम मंदिर आंदोलन में गोड्डा जिले के कई लोगों का योगदान रहा और यही नहीं अयोध्या जाकर भी अपना योगदान दिया है। कई लोगों को तो बीच रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया गया था तो कुछ लोग अयोध्या कार सेवा में भी पहुंचे थे। महागामा के स्वर्गीय राधेश्याम साह जिनके ऊपर ढांचे का मलबा गिरा, जिससे उनकी कमर की हड्डी टूट गई थी। वही स्वर्गीय कुंवर बटेश्वर सिंह, रामदेव मोदी , राजेश कुमार टेकरीवाल, वरुण मिश्रा, पांडे मुरलीधर, स्वर्गीय मुरारी ठाकुर, परमानंद गुप्ता, आदि दर्जनों कार सेवक सेवा में भाग लेने के लिए अयोध्या गए, जिनमें कई लोग अयोध्या पहुंचे भी कई लोगों को बीच में ही गिरफ्तार कर लिया गया और वापस भेज दिया गया।


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