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रेस हुआ प्रशासनिक महकमा, आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट

गोड्डा : सुखाड़ की भयावहता को देखते हुए किसानों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए प्रश्

By JagranEdited By: Published: Mon, 05 Nov 2018 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 05 Nov 2018 05:08 PM (IST)
रेस हुआ प्रशासनिक महकमा, आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट
रेस हुआ प्रशासनिक महकमा, आज सौंपी जाएगी रिपोर्ट

गोड्डा : सुखाड़ की भयावहता को देखते हुए किसानों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए प्रशासनिक महकमा रेस हो गया है। छह नवंबर तक डीसी ने सभी बीडीओ से सर्वे रिपोर्ट मांगी है जिसकी वजह से सभी अधिकारी रेस हैं। सोमवार को भी अधिकारियों ने खेतों में जाकर फसलों का सर्वे किया। अधिकारियों ने माना कि स्थिति भयावह है। शीघ्र ही किसानों को सहायता नहीं दी गई तो वे भूखे मर जाएंगे। मेहरमा : प्रखंड की सभी 23 में से 21 पंचायतों में सुखाड़ को लेकर सर्वेक्षण का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। बीडीओ सुरेंद्र उरांव व सीओ खगेन महतो ने स्वयं गांवों का भ्रमण कर फसलों का सर्वे किया। सोमवार को मड़पा के करीब आधा दर्जन किसानों की खेत में लगी फसल का सर्वे किया। बताया कि कम बारिश होने के कारण फसल कुछ भी नहीं हुई है। बताया कि अन्य पंचायतों में भी संबंधित पंचायत के पंचायत सेवक, राजस्व कर्मचारी आदि सर्वे का कार्य कर रहे हैं। मंगलवार तक रिपोर्ट जिला के वरीय पदाधिकारी के पास सौंप दी जाएगी। ललमटिया : प्रखंड की टीम सोमवार को बसडीहा गांव में धान की फसल का सर्वेक्षण करने पहुंची। किसानों ने टीम को अपने-अपने खेतों की फसल दिखाई। सर्वेक्षण टीम के अधिकारियों को बताए कि इस बार जैसा अकाल कभी नहीं बड़ा था। इस अकाल ने हम गरीब किसानों की स्थिति बदतर बना दी है। सर्वेक्षण टीम के अधिकारी लोहंडिया पंचायत के पंचायत सचिव ललन ठाकुर ने बताया कि जल्द ही सर्वेक्षण कर सभी किसानों के कितना रकवा में फसल लगी है इसकी सूची बनाकर जिला प्रशासन को भेजी जाएगी। इसके बाद निर्धारित दर के आधार पर फसल का मुआवजा किसानों को मिलेगा। लोहंडिया पंचायत के लोहंडिया गांव में भी सर्वेक्षण टीम पहुंची। लोहंडिया में धान की खेती नहीं होने का प्रमाण मिला। लोहंडिया की जमीन राजमहल परियोजना में दी जा चुकी है जहां खनन कार्य किया गया है। मौके पर बसडीहा ग्राम प्रधान अनपा किस्कू, कृषक योगेंद्र गोस्वामी, साहेब राम पंडित, गुल्लू किस्कू, मैनुद्दीन अंसारी आदि उपस्थित थे। बसंतराय : यहां भी धान की फसल के हुए नुकसान के सर्वे का काम टीम ने शुरू कर दिया है। सोमवार को टीम के सदस्यों ने गांवों में जाकर किसानों से मिलकर स्थिति का जायजा लिया। बसंतराय की आबादी पूरी तरह कृषि पर निर्भर है। यहां बारिश नहीं होने के कारण धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है। अब किसान खून के आंसू बहाने के सिवा कुछ नहीं कर सकता। कर्ज लेकर किसानों ने धान की रोपनी की थी लेकिन उपज नहीं होने के कारण उनकी कमर टूट गई। बोआरीजोर : बोआरीजोर प्रखंड में सुखाड़ सर्वेक्षण का काम कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। बीडीओ राजीव कुमार ने भी कई गांवों में जाकर फसल के हुए नुकसान का सर्वे किया। इसी क्रम में बोआरीजोर पंचायत के असनबोना, कसमू, कुसुमघाटी पंचायत, लोहंडिया बाजार के बसडीहा, दलदली गोपालपुर पंचायत, बाद डुमरहिल, श्रीपुर, बाघमारा आदि पंचायतों के गांवों के किसानों से मिलकर जनसेवक ,पंचायत सचिव, कर्मचारियों द्वारा खेत में लगी फसल के सर्वे का काम किया जा रहा है जिसकी रिपोर्ट प्रखंड व जिला को सौंपी जाएगी।

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