पेयजल संकट से पहाड़पुर की महिलाओं में आक्रोश
ललमटिया प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव पहाड़पुर सड़क टोला में गर्मी की दस्तक के साथ ही
ललमटिया : प्रखंड अंतर्गत आदिवासी बहुल गांव पहाड़पुर सड़क टोला में गर्मी की दस्तक के साथ ही पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीणों ने बताया कि राजमहल परियोजना की कोयला खदान से महज एक किमी दूर यह गांव काफी दिनों से पानी की समस्या से जूझ रहा है। निकट में कोयला खदान होने के कारण गांव के सभी जल स्त्रोत सूख गए हैं। गांव में चार चापाकल हैं लेकिन पानी का लेवल नीचे जाने से चापाकलों से भी पानी नहीं मिल पाता है। बीते दिनों ने ग्रामीणों ने जल संकट को लेकर सड़क जाम कर अपना विरोध जताया। बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं भी डेगची, हांडी के साथ सड़क पर उतरी और घंटों आवागमन बाधित किया।
आक्रोशित ग्रामीणों ने जल पात्रों को सड़कों पर रखकर जाम कर दिया। सूचना मिलते ही ललमटिया थाना प्रभारी बलिराम रावत सदलबल स्थल पर पहुंचे। थाना प्रभारी ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया लेकिन ग्रामीणों ने प्रशासन की एक ना सुनी। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक पेयजल नहीं मिलेगा तबतक जाम नहीं हटाएंगे। ग्रामीणों ने पीने के पानी के लिए प्रशासन से स्थाई व्यवस्था की मांग की। ग्रामीणों ने कहा कि पहाड़पुर सड़क टोला में दो बोरवेल लगाकर पाइपलाइन से जल की व्यवस्था कराई जाए ताकि भविष्य में पेयजल की असुविधा न हो। पहाड़पुर सड़क टोला में पेयजल की समस्या इतनी गहरी है कि यहां के मवेशियों को भी पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाता है। गांव के तालाब सूख गए हैं। मौके पर पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी सोमनाथ बनर्जी ने ग्रामीणों को शीध्र मिस्त्री बुलाकर खराब पड़े चारों चापानल को ठीक कराने का आश्वासन दिया। वहीं बीडीओ ने राजमहल परियोजना के सौजन्य से पेयजल के लिए तत्काल दो टैंकर जल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। बीडीओं ने कहा कि जबतक चापानल ठीक नही हो जाता है तबतक सुबह शाम दो दो टैंकर पेयजल ग्रामीणों को उपलब्ध कराया जाएगा। बीडीओ के आश्वासन के बाद करीब 10:30 बजे राजमहल परियोजना के सौजन्य से जल टैंकर पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने जाम हटाया। करीब चार घंटे तक सड़क जाम होने से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा ।