गोड्डा में ओवरहेड केबल बिछाने में हो रही देर
गोड़डा में देर से बिछ रहीे केबल का कार्य -
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित 9 प्रखंडों में ओवरहेड केबल से ग्रामीण विद्युतीकरण बीते तीन साल से यहां कछुए की चाल से चल रहा है। जिला मुख्यालय में डबल सर्किट 33 हजार केवी के लिए गत वर्ष 9 किमी अंडरग्राउंड केबल का काम पूरा हुआ जो वर्तमान में चालू है। लेकिन एचटी और सप्लाई लाइन में ओवरहेड केबल का काम अभी पूरी तरह लंबित है। बता दें कि यह काम तीन वर्षों से चल रहा है। जिला मुख्यालय में एचटी लाइन 11 हजार केवी के लिए भी शहर में करीब 8 किमी का काम हुआ है। जबकि उपभोक्ताओं को कनेक्शन के लिए 440 व 220 वोल्ट लाइन के लिए शहर में 32 किमी लंबी लाइन को ओवरहेड केबल में बदला जा सका है। अभी भी शहरी क्षेत्र सहित मुफस्सिल क्षेत्रों में करीब 100 किमी ओवरहेड केबल का काम लंबित है। गत वर्ष अंडरग्राउंड केबल के ट्रॉयल के बाद कार्य एजेंसी एनसीसी (नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी) ने यहां से अपना बोरिया बिस्तर समेट लिया। अब अगले फेज में उसे काम नहीं मिला है। शहर में अभी भी करीब 100 किमी तक ओवरहेड केबल का काम लंबित है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की बात करें तो जिले के एक हजार से अधिक गांवों में अभी ओवरहेड केबल का काम नहीं हो पाया है। जबकि यहां वर्ष 2018 से ही यह काम चल रहा है। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की ओर से करीब 100 करोड़ रुपये की योजना पूर्व में ही स्वीकृत की गई थी। कंपनियों के कार्याें की समीक्षा शुरू :
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में ईस्ट इंडिया उद्योग प्राइवेट लिमिटेड, जैक्शन कंपनी, आईएनपीएल, चैतन्या प्राइवेट लिमिटेड आदि कंपनियों का काम अभी चल रहा है। विभागीय जानकारी के अनुसार फरवरी 2020 तक इन कंपनियों को आवंटित कार्य का 40 फीसद ही प्रगति है। ऐसे में इन कंपनियों के कार्यों की समीक्षा अब विभागीय स्तर से भी शुरू हो गई है। इसकी मॉनिटरिग आरइसी के जिम्मे है। हाल के दिनों में पोड़ैयाहाट में केबल और नंगे तार के सटने से शार्ट सर्किट की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। वहीं सुंदरपहाड़ी और बोआरीजोर प्रखंड में भी मानकों की अनदेखी पर ग्रामीणों ने केबल वर्क के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। ग्रामीण विद्युतीकरण में लगी एजेंसी ईस्ट इंडिया व इंडो नवीन के कार्यो की समीक्षा की गई। इन एजेंसियों के पास लगभग दो हजार गांवों के विद्युतीकरण का काम है। जिले में लगभग 35 हजार बिजली उपभोक्ता बढ़े हैं। सौभाग्य योजना से हर गांव और हर घर में बिजली कनेक्शन देना है। सरकार इसके लिए कटिबद्ध है। यह कार्य जुलाई तक पूरा करने का संकल्प लिया गया है। शॉर्ट सर्किट का खतरा बरकरार :
ग्रामीण विद्युतीकरण में ओवरहेड केबल को उपभोक्ताओं ने घटिया किस्म बताया है। जिस कारण कई जगह से तार में लगा हुआ प्लास्टिक फट गया है। इसके कारण नंगे तार आपस में एक दूसरे से सट रहे हैं । इससे शॉर्ट सर्किट का खतरा बरकरार है। आए दिन ग्रामीण इस समस्या से रूबरू हो रहे हैं। कभी ट्रांसफार्मर जल जाता है तो कभी घर में लगा पंखा, बल्व आदि उपकरणों के जलने की शिकायत मिल रही है । ग्रामीणों का कहना है कि ओवरहेड केबल बहुत घटिया किस्म का है और जिसका परिणाम लोगों को भुगतना पड़ रहा है। तार लिकेज की समस्या पूर्व में जिला मुख्यालय के 33 हजार अंडरग्राउंड केबल में सामने आई थी। बाद में कार्य एजेंसी ने उसे दुरुस्त किया था। क्षमता से ज्यादा लोड होने पर तार के पिघलने की समस्या भी कई जगह देखी गई है।
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ग्रामीण विद्युतीकरण के लिए ओवरहेड केबल लगाने का काम जिले भर में तेजी से पूरा किया जा रहा है। कार्य एजेंसियों को समय पर काम पूरा करने के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं। जहां जहां केबल में कोई गड़बड़ी मिल रही है, उसे तत्काल बदला जा रहा है। अधिकारियों की टीम इसकी लगातार मॉनिटरिग कर रही है।
- सरताज कुरैशी, कार्यपालक अभियंता, आरईसी, देवघर।