खरीफ के बाद रबी में भी बंपर खेती, सरसों व गेहूं की बुआई
- चना का भी आच्छादन 90 प्रतिशत तक पहुंचा सिचाई की हो रही कठिनाई संवाद सहयोगी गोड्ड
- चना का भी आच्छादन 90 प्रतिशत तक पहुंचा, सिचाई की हो रही कठिनाई
संवाद सहयोगी, गोड्डा: जिला में इस बार जहां खरीफ का अच्छा उत्पादन हुआ है, वहीं दूसरी ओर रबी की खेती भी अबतक बेहतर रही है। रबी फसल में जो लगना था, लगभग सभी फसल की बुआई 90 प्रतिशत के आसपास हुई है। विभाग की मिली जानकारी के अनुसार जिला में रबी की खेती मुख्य रूप से गेंहू,चना, सरसों व अन्य दलहन फसल होती है लेकिन इस बार सभी फसल बेहतर स्थिति में है। विभाग के मिली जानकारी के अनुसार जिला में इस बार रबी मौसम में 13 हजार 5 सौ हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की खेती का लक्ष्य रखा गया था जिसके विरूद्ध जिला में अबतक 99 प्रतिशत रोपनी का कार्य पूरा हो चुका है। वही दूसरी ओर इस बार सरसों की खेती बेहतर हुई है सरसों के लिए 23हजार 5 सौ हेक्टेयर भूमि पर सरसों फसल के आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था जिसके अनुपात में 101 प्रतिशत रोपनी का कार्य पूरा हो गया है। पिछले कई साल के बाद इस बार बेहतर स्थिति रबी फसल की बनी है जिससे किसान उत्साहित है। वही चना की फसल लक्ष्य के विरूद्ध 90 प्रतिशत बुआई का काम पूरा हो चुका है। वही अन्य दलहन फसल का आच्छादन 85 प्रतिशत हुआ है। इससे किसान व मजदूर भी काफी उत्साहित है। इस बाबत डुमरिया के किसान रामकिकर झा ने बताया कि वर्षो यह स्थिति बनी है। जहां खरीफ के साथ रबी की अच्छी खेती हुई है। बताया कि किसानों ने तो अपना काम कर दिया है लेकिन उपरी व मध्य जमीन में सिचाई में कुछ कठिनाई हो रही है। बताया कि जिला में सिचाई सुविधा बेहतर हो तो किसानों को काफी फायदा होगा। मध्यम वर्गीय किसान पटवन कर रबी फसल में सिचाई कर रहे है, जबकि कुछ इलाकों तालाब, सरोवर, नदी जोला आदि से पटवन किया जा रहा है। वही कड़ाके की ठंड रहने के कारण खेतों में नमी है जिससे भी किसानों को फायदा हो रहा है। खासकर गेहूं व सरसो को फायदा है जबकि आलू में पाला लगने की संभावना बन सकती है।
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इस बार रबी की भी बेहतर खेती हुई है। पड़ रहे ठंड व शीतलहर से गेहुं व सरसों को फायदा होगा बाकी अन्य फसल की कुछ नुकसान हो सकता है। इसके लिए साथ ही चना व आलू में पाला मारने की संभावना रहती है। इससे बचने के लिए खेतों में नमी रहना चाहिए ताकि पाला न लग सके। इसके लिए किसान समय-समय पर पटवन करें व परार्मश कृषि विज्ञान केंद्र से ले सकते है किसान भी अपनी फसल की देखभाल करते रहे लापरवाही हुई तो फसल को नुकसान हो सकता है।
- रजनीश प्रसाद, कृषि व मौसम वैज्ञानिक, केवीके गोड्डा