नवजात की मौत पर अस्पताल में हंगामा, चिकित्सक की पिटाई
नवजात की मौत के बाद अस्पताल में हंगामा चिकित्सक की पिटाई
मेहरमा : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शनिवार की देर रात एक नवजात शिशु की मौत पर अस्पताल परिसर में परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इस दौरान ड्यूटी पर तैनात आयुष चिकित्सक डॉ. अजय कुमार तिवारी के साथ परिजनों ने धक्का-मुक्की की। परिजन चिकित्सक के ऊपर लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे। उनका आरोप था कि प्रसव पीड़ा के बाद सोनी कुमारी का सामान्य प्रसव हुआ था। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ थे। करीब 8 बजे रात्रि अचानक बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। इस पर डॉक्टर के द्वारा बाजार से एक इंजेक्शन मंगा कर बच्चे को लगाया गया। इंजेक्शन लगते ही बच्चे का पूरा शरीर का रंग बदलने लगा। इस पर चिकित्सक के द्वारा आनन-फानन में बच्चे को बेहतर इलाज के लिए निजी क्लीनिक पीरपैंती (भागलपुर)रेफर कर दिया गया। परिजन आनन-फानन में बच्चे को लेकर पीरपैंती चले गए। वहां चिकित्सकों ने नवजात को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद परिजन वापस अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर पर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। सूचना पर थाना प्रभारी ललित कुमार पांडे पुलिस बल के साथ रात में ही अस्पताल पहुंचे। चिकित्सकों व परिजनों को समझा-बुझाकर मामला शांत कराया। थाना प्रभारी के द्वारा मृत नवजात शिशु व उसके परिजनों को अपनी गाड़ी से बनौधा स्थित उसके घर तक पहुंचाया। घटना की सुबह रविवार को बीएचएमएस चिकित्सक डॉ अजय कुमार तिवारी के द्वारा स्थानीय थाना में मरीज के पति प्रकाश शाह व दो अज्ञात के खिलाफ मारपीट करने, गले से सोने का चेन, एक मोबाइल तथा पॉकेट से 375 रुपये निकाल लेने तथा नुकीली चीज से सिर में जख्म करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई गई। दर्ज प्राथमिकी के आधार पर पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।घटना के बाद अस्पताल में मौजूद चिकित्सक डॉ तिवारी, डॉक्टर रंजन कुमार, डॉक्टर राजकुमार शील (सभी आयुष) ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया। इसकी सूचना पर प्रखंड विकास पदाधिकारी सुरेंद्र उरांव,अंचलाधिकारी खगेन महतो तुरंत अस्पताल पहुंचे। घटना की निदा करते हुए प्रशासनिक कार्रवाई का भरोसा दिया। साथ ही चिकित्सकों को हड़ताल नहीं करने की सलाह दी। इधर चिकित्सकों ने प्रशासन को 2 दिन का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि निर्धारित समय सीमा के अंदर आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर आंदोलन करने का अल्टीमेटम दिया गया है।
इधर परिजनों ने चिकित्सक के साथ मारपीट करने, रुपए व मोबाइल छिनने तथा नुकीली चीज से सिर में जख्म करने के आरोप को बेबुनियाद बताया है। कहा कि नवजात शिशु की मौत से सभी सदमे में थे। चिकित्सक के द्वारा नवजात शिशु को गलत इंजेक्शन लगा दिया गया था। इस कारण उसकी मौत हो गई। कहा कि चिकित्सक अपनी गलती को छुपाने के लिए उन लोगों के खिलाफ झूठा केस किया है। शिशु की मौत पर परिजन रो-चिल्ला रहे थे। इस पर रात में ही चिकित्सक ने थाना प्रभारी ललित कुमार पांडे को पुलिस बल के साथ अस्पताल बुला लिया गया था ।थाना प्रभारी के द्वारा परिजन व चिकित्सक को समझा-बुझाकर मामला शांत करा दिया गया था। परिजनों ने घटना के दूसरे दिन रविवार की सुबह प्राथमिकी दर्ज करने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।