प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच को चिकित्सक दल मुस्तैद
फोटो - 25 जागरण संवाददाता गोड्डा ऐतिहासिक मई दिवस के दिन से ही झारखंड के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी शुरू की गई थी। लॉकडाउन के कारण पिछले माह इसकी लगातार मांग हो रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर मजदूरों की वापसी शुरू कराई। गोड्डा जिले में भी अब तक बीते 12 दिनों से दो हजार से अधिक प्रवासी मजदूर विभिन्न प्रदेशों से लौटे हैं। ट्रेन से उतर रहे सभी मजदूरों की विशेष बस सेवा से जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। यह सिलसिला बीते दो सप्ताह से अनवरत जारी है। मंगलवार की सुबह भी यहां
गोड्डा : ऐतिहासिक मई दिवस के दिन से ही झारखंड के प्रवासी मजदूरों की घर वापसी शुरू की गई थी। लॉकडाउन के कारण पिछले माह इसकी लगातार मांग हो रही थी। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित कर मजदूरों की वापसी शुरू कराई। गोड्डा जिले में भी अब तक बीते 12 दिनों से दो हजार से अधिक प्रवासी मजदूर विभिन्न प्रदेशों से लौटे हैं। ट्रेन से उतर रहे सभी मजदूरों की विशेष बस सेवा से जिला मुख्यालय लाया जा रहा है। यह सिलसिला बीते दो सप्ताह से अनवरत जारी है। मंगलवार की सुबह भी यहां सौ से अधिक मजदूर आए। जिला प्रशासन की ओर से प्रवासी मजदूरों की जांच और स्वागत के लिए गोड्डा कॉलेज परिसर में शिविर लगाया गया है। यहां करीब दो दर्जन चिकित्साकर्मी इन मजदूरों की प्राथमिक जांच में लगे हुए हैं। चिकित्सक दल को तीन शिफ्ट में ड्यूटी दी गई है। इस पूरी प्रक्रिया की देखरेख व आनेवाले मजदूरों की अगवानी के लिए जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारी भी लगे हुए हैं।
बाहर से आ रहे सभी मजदूरों की महामारी संक्रमण के मद्देन•ार पूरी स्वास्थ्य जांच प्रक्रिया अपनाते हुए उनके गंतव्य तक सही सलामत पहुंचाना एक बड़ी चुनौती है। लेकिन इस चुनौती को जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम गंभीर है। घर वापस पहुंचने वाले इन सभी मजदूरों व उनके परिवार की रो•ाी रोटी के महासंकट का सम्मानजनक समुचित समाधान भी निकालने का प्रयास हो रहा है। सरकार की गाइडलाइन के कारण प्रशासनिक अमला इस कार्य में जुटा हुआ है।
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तीन शिफ्ट में चिकित्सक दलों की प्रतिनियुक्ति : प्रवासी मजदूरों की स्वास्थ्य जांच के लिए आयोजित गोड्डा कॉलेज परिसर हाई रिस्क जोन में है। यहां संचालित शिविर में काम करने वाले चिकित्सा दलों को तीन शिफ्ट में ड्यूटी दी गई है। सुबह सात बजे से शाम तीन बजे तक डॉ ऋषभ कुमार, डॉ महमूद आलम, डॉ पीयूष कुमार, डॉ मिथिलेश कुमार, डॉ सुशांत कालिदी, डॉ बालकिशोर टुडू, सहित छह एमपीडब्ल्यू कर्मी शामिल हैं। वहीं दोपहर तीन बजे से रात 11 बजे तक डॉ अभिषेक कुमार, डॉ विजय कृष्ण, डॉ सुरेश कुमार हांसदा, डॉ प्रशांत मुर्मू, डॉ नितीन कुमार, डॉ आशीष उरांव, सहित चार एमपीडब्ल्यू शामिल हैं। वहीं रात 11 बजे से सुबह 7 बजे तक एमपीडब्ल्यू सुमित कुमार और सौरभ कुमार की ड्यूटी है। अधिकांश चिकित्सक होमियोपैथिक कॉलेज के इंटर्नशिप और डीएमएफटी से संविदा पर नियुक्त हैं।
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अब तक तीन हजार प्रवासी मजदूर पहुंचे गोड्डा :
झारखंड सरकार की ओर से जारी आंकड़े के अनुसार गोड्डा जिले में बीते 1 मई से 12 मई तक तीन हजार प्रवासी मजदूरों का डाटा बेस तैयार किया गया है। इसके अलावा करीब 200 छात्र-छात्राएं भी शामिल हैं। इसमें गुजरात, महाराष्ट्र , तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, हरियाणा, दिल्ली के अलावा केरल, हिमाचल, उत्तर प्रदेश, पंजाब, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम व बिहार
में फंसे प्रवासी झारखंडी मजदूर व छात्रों का डाटा जारी हुआ है। देश के विभिन्न स्थानों से आने वाले इन प्रवासी मजदूरों को अमानवीय स्थिति भी झेलनी पड़ी है।
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कोरोना आपदा के दौरान फ्रंट लाइन पर चिकित्सा दल लगातार काम कर रहे हैं। उन्हें स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा और संसाधन मुहैया कराया गया है। रेड जोन से आने वाले मजदूरों की स्वास्थ्य जांच को लेकर विभागीय स्तर से गाइडलाइन जारी की गई है। हर दिन प्रवासी मजदूरों का डाटाबेस, ट्रैवल हिस्ट्री और मेडिकल केस स्टडी से जुड़ी रिपोर्ट भी तैयार की जा रही है। रेड जोन से आने वाले सभी मजदूरों को सरकारी क्वारंटाइन सेंटर में रखकर उनकी नियमित जांच कराई जा रही है।
- डॉ एसपी मिश्रा, सिविल सर्जन, गोड्डा।