माया की पट्टी के कारण नहीं होता परमात्मा का दर्शन
महागामा प्रखंड के कुशमारा के सुंदरचक गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग का भव्य आयोजन किया गया। सत्संग के दूसरे दिन अंतिम पाली में स्वामी आशुतोष बाबा ने कहा कि संसार में लोग जितने काम करते हैं एकमात्र सुख के लिए करते हैं। शोकमोहभय हर्ष दुख का कारण है।
महागामा : महागामा प्रखंड के कुशमारा के सुंदरचक गांव में दो दिवसीय संतमत सत्संग का भव्य आयोजन किया गया। सत्संग के दूसरे दिन अंतिम पाली में स्वामी आशुतोष ने कहा कि संसार में लोग जितने काम करते हैं, एकमात्र सुख के लिए करते हैं। शोक,मोह,भय, हर्ष दुख का कारण है। लोगों के माया की पट्टी के कारण परमात्मा नहीं दिखता है। परमात्मा को योगी ही पा सकता है, जो अपने को जोगता है। वही योगी होता है। उन्होंने कहा कि पंच विषय से जो बचता है, वही अपने को जोगता है। झूठ, चोरी , नशा, हिसा और व्यभिचार पांच विषय हैं इनसे लोगों को बचना चाहिए। साधु किसी भी भेष में हो सकता है। सत्संग का उद्देश्य समाज को चरित्र निर्माण कराना है। स्वामी आशुतोष महाराज ने कहा कि ²ष्टि का फैलाव होता है तो मन फैलता है मन को समेटने से ²ष्टिस्वत : सिमट जाती है। तन एक बंधन है तब तक हमारे ऊपर तन का बंधन रहता है तब तक लोग सुखी नहीं रह पाते हैं। स्वामी जी ने कहा कि भक्ति के बिना धन बल बेकार है। भक्ति से ही मुक्ति मिलती है और जीवन सफल होता है। लोगों को ईश्वर से प्रेम करना चाहिए उनकी भक्ति करनी चाहिए। मनुष्य जीवन बार-बार नहीं मिलता है। जो ईश्वर की भक्ति करता है वह बुराइयों से बसता है। ईश्वर व खुदा एक ही परमात्मा है। संतमत सत्संग का आयोजन सुंदर चक निवासी महेंद्र शर्मा के सौजन्य से किया गया था। कार्यक्रम के पूर्व माल्या अर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमें सभी समुदाय के लोगों द्वारा स्वामी आशुतोष बाबा को माल्यार्पण कर स्वागत किया गया। मौके पर प्रदीप पोद्दार, संजना देवी, जहांगीर अंसारी, राजकुमार उरांव, मोहम्मद तोहिद, संजय शर्मा ,मोहम्मद मुर्तजा, मोहम्मद जगीर, राम प्रसाद दास ,मोहम्मद शाहनवाज, पंकज शर्मा, मोहम्मद अख्तर सहित कई लोगों ने बाबा को माल्यार्पण किया।