मकर संक्रांति पर हजारों ने लगाई आस्था की डुबकी
जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। अलसुबह से ही तालाबों व नदियों में नहाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी जो करीब दस बजे तक जारी रही
गोड्डा : जिला मुख्यालय सहित सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में बुधवार को मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। अलसुबह से ही तालाबों व नदियों में नहाने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ने लगी जो करीब देर शाम तक जारी रही। नदी व तालाबों में नहाने के बाद लोगों ने मंदिरों में पूजा-अर्चना कर तिल दान किया और परिवार के संग तिल, चूड़ा-दही, भूंजा, लड्डू का आनंद लिया। इसे लेकर चारों ओर उत्साह का माहौल था। यह क्षेत्र मंदार के अंतर्गत आता है। ऐसे में बड़ी संख्या में आसपास के श्रद्धालुओं ने मंदार-मधुसूदन की परिक्रमा की और पापहरणी में आस्था की डुबकी लगायी। प्राचीन परंपरा के तहत मंदार क्षेत्र के बौंसी में आयोजित मंदार महोत्सव में बुधवार को गोड्डा क्षेत्र से भी हजारों की संख्या में लोगों ने पूजा अर्चना की और वहां के विहंगम दृश्य का लुत्फ उठाया।
ठाकुरगंगटी : प्रखंड क्षेत्र के गांवों में बुधवार को मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। मंगलवार की रात 02 बजकर 12 मिनट पर सूर्य का संक्रमण मकर में होने के कारण पर्व आज मनाया गया। सूर्य धनु राशि से चलकर मकर राशि में प्रवेश किया। इसके साथ कि सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो गया। मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों ने विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना भी की। बस्ता पहाड़ी स्थित भुंफोड़ नाथ महादेव मंदिर, मोपहाड़ी स्थित मां खरहरी मंदिर, अंटाडीह ग्राम स्थित अंटेश्वरनाथ महादेव मंदिर, चपरी ग्राम स्थित भुम्फोड़ चलेश्वर नाथ महादेव मंदिर आदि में भारी भीड़ उमड़ी।
ललमटिया : मकर संक्रांति के अवसर पर लोगों ने नदी तालाब एवं पोखरा में आस्था की डुबकी लगाकर स्नान किए ,साथ ही तिल गुड़ के बने लाई व पकवान खाकर पर्व का आनंद उठाए। मकर संक्रांति के बारे में बाबा शालिग्राम पांडेय ने बताया कि सूर्य के एक राशि से दूसरे में प्रवेश करने को संक्रांति कहते हैं । मकर संक्रांति में मकर शब्द मकर राशि को इंगित करता है, जबकि संक्रांति का अर्थ संक्रमण अर्थात प्रवेश करना है ।मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करते हैं इसलिए इस समय को मकर संक्रांति कहा जाता है। इस त्यौहार को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहा जाता है। इस दिन गंगा स्नान कर व्रत कथा दान और भगवान सूर्य देव की उपासना करने का विशेष महत्व होता है ।शास्त्रों के अनुसार दक्षिणायन को नकारात्मकता तथा उत्तरायण को सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है । इसलिए इस दिन स्नान दान और धार्मिक कर्मों का विशेष महत्व होता है। इस त्यौहार के दौरान बच्चों एवं युवा वर्ग में काफी उत्साह देखा गया। बच्चे एवं युवा वर्ग पतंग उड़ा कर इस दिन का पूरा आनंद लिए।